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लखनऊ में 200 रुपए हो गई दाल की कीमत

download (29)लगता है अरहर दाल थाली ही नहीं, घर से भी बाहर होने की तैयारी में है। हर रोज कीमतों के नए रिकॉर्ड बनाती जा रही अरहर दाल ने शनिवार को 200 रुपये प्रति किलो का बैरियर भी तोड़ दिया।

लखनऊ में कई जगहों पर दाल 210 रुपये से 215 रुपये प्रति किलो की दर से बेचा जा रहा है। कीमत में लगातार हो रही बढ़ोतरी पर कारोबारियों का कहना है कि दाल ने दोहरा शतक लगा दिया है और लंबा खेलने की तैयारी में है।
डालीगंज में दाल एंड साइस मिल एसोसिएशन के अध्यक्ष भारत भूषण गुप्ता ने कहा कि दाल की कीमतें इतनी चढ़ जाएंगी, यह किसी ने नहीं सोचा था। शुक्रवार और शनिवार को दाल ने इतनी तेजी पकड़ी कि दाम थोक में 20,500 रुपये क्विंटल तक पहुंच गया।

हालांकि शनिवार शाम होते-होते दाम कुछ गिरा और 19,000 से 19,500 तक आ गया। भारत ने कहा कि गिरावट के बावजूद दाल के फुटकर दाम में कोई अंतर नहीं आएगा।

 

कृष्णानगर के कारोबारी आलोक कुमार कहते हैं कि जो कारोबारी 190 की दाल खरीद रहा है, वह 10-15 रुपये जोड़कर ही बेचेगा। उन्होंने कहा कि फिलहाल दाम चढ़े हुए ही रहेंगे। जनवरी में अरहर की नई फसल आने की उम्मीद है। उसके बाद ही दाल में कुछ राहत मिलेगी।

तीन महीने में दोगुना
अरहर दाल के दाम तीन महीने में ही दोगुने हो गए। जुलाई के आखिरी हफ्ते में यह 100 रुपये प्रति किलो बिक रही थी। अब 200 रुपये से ज्यादा बिक रही है। भारत भूषण ने बताया कि दो साल पहले इसी तरह त्यौहारी समय में दाल 90 रुपये प्रति किलो पर� पहुंच गया था जो सर्वाधिक माना जा रहा था। अब तो इसने सारे रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिए हैं।

आखिर क्यों चढ़ रहे दाम

कारोबारी कोई स्पष्ट वजह नहीं बता पा रहे। उनके अनुसार मांग ज्यादा होने से दाम चढ़े हैं। ट्रकों की हड़ताल, मौसम की मार और त्यौहारों से इसके दाम बढ़े हैं। हालांकि भारतभूषण दाल की कालाबाजारी और स्टॉकिंग से इन्कार करते हैं।

 

3 अक्तूबर 145
11 अक्तूबर 180
17 अक्तूबर 205

अक्तूबर में रेट
दाल–3–11–17 अक्टूबर
अरहर–145-150–165-180–190-205
उड़द हरी–124-135–130-150–150

उड़द धुली–125-155–135-160–170
चना दाल–66 से 68–75-80–75-80
मूंग–110–110–120-130
(आंकड़े थोक में रुपये/क्विंटल में हैं।)

कालाबाजरी पर सख्त कार्रवाई
प्रमुख सचिव खाद्य-रसद सुधीर गर्ग ने कहा कि कालाबाजरी और जमाखोरी रोकने के लिए स्टॉक लिमिट पहले ही लागू किया जा चुका है। अफसरों को कठोर कार्रवाई का आदेश दिया गया है। अरहर की कम पैदावार और मौसम की मार से दाल महंगी हुई है।

केंद्र से मांगी गई दाल
सुधीर गर्ग ने बताया कि प्रदेश सरकार ने केंद्र सरकार से अरहर की दाल मुहैया कराने का अनुरोध किया है। उम्मीद है कि केंद्र से 500 टन प्रति महीने अरहर की दाल जल्द ही मिलने लगेगी। सरकार इसे गरीबों और मध्यम दर्जें के लोगों को नियंत्रित कीमतों पर मुहैया कराएगी।

पहले भी महंगी बिक चुकी दाल : वीके सिंह

केंद्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह ने मीडिया पर खबरों को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करने का आरोप लगाया है। शनिवार को उन्होंने कहा कि देश में दाल पहले भी महंगी बिक चुकी है। धार्मिक असहिष्णुता की घटनाएं पहले भी हुईं हैं। मौजूदा सरकार के कार्यकाल के घटनाक्रमों को इसी परिप्रेक्ष्य में देखा जाना चाहिए।