लखनऊ, लखनऊ मेट्रो के स्टेशनों, डिपो व सिग्नल सिस्टम में दोहरी व्यवस्था की गई है। एक सिस्टम के फेल होने पर दूसरा काम करना शुरू कर देगा। इससे मेट्रो ज्यादा देर तक खड़ी नहीं होगी, यदि कहीं फाल्ट आता है तो उसे अत्याधुनिक मशीनों से तुरन्त ढूंढ लिया जाएगा। इसके लिए विदेशों से मशीन मंगाई गई हैं।
लखनऊ मेट्रो के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शनिवार को बताया कि मेट्रो का संचालन कभी रुके न इसके लिए स्टेशनों, डिपो व सिग्नल सिस्टम में हर जगह दोहरी व्यवस्था की गई है। इसीलिए सरोजनीनगर से 132 केवी की दो सर्किट लाई गई हैं। लखनऊ में सरोजनी नगर ट्रांसमिशन कई ग्रिड से जुड़ा है। उन्होंने बताया कि मेट्रो के एक कन्ट्रोल सेन्टर में खराबी आई तो दूसरा चालू हो जायेगा। बिजली की एक लाइन में फाल्ट आया तो दूसरे से सप्लाई शुरू हो जाएगी। एक ट्रांसफारमर खराब हुआ तो दूसरे से काम शुरू हो जायेगा।
मेट्रो ट्रेन को बिना रुके चलाने के लिए एलएमआरसी ने इसीलिए दोहरी व्यवस्था बनाई है। भले ही इस व्यवस्था में ज्यादा बजट खर्च हुआ है, लेकिन इससे मेट्रो की सवारी करने वालों के सामने कभी दिक्कतें नहीं आएंगी। पावर कारपोरेशन की ग्रिड फेल होने पर ही ट्रेनें खड़ी होंगी। एलएमआरसी ने पावर सप्लाई से लेकर मेट्रो के संचालन तक के लिए सभी जरुरी मशीनरी की दोहरी व्यवस्था बनाई है। अधिकारी ने बताया कि मेट्रों का ट्रांसपोर्टगर डिपो हो या फिर अमौसी से मुंशीपुलिया तक के 22 स्टेशनों के बीच हर जगह सिग्नल सिस्टम की व्यवस्था है। यह सभी एक बार फेल भी हो जाएंगे तब भी ट्रेन नहीं रुकेगी। दोहरी व्यवस्था से उसी तरह ट्रेन चलती रहेगी।
उन्होंने बताया कि मेट्रो के लिए दो आपरेशन कन्ट्रोल सेन्टर भी बनाए जाएंगे। एक कन्ट्रोल सेन्टर डिपो में बनकर तैयार हो गया है। जबकि दूसरा कन्ट्रोल सेन्टर सचिवालय के पास सहकारिता भवन के पीछे बनाया जाएगा। इसके निर्माण की भी प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। बाद में डिपो में बने कन्ट्रोल सेन्टर को बैकअप कन्ट्रोल सेन्टर बना दिया जाएगा और मेन कन्ट्रोल सेन्टर सहकारिता भवन के पीछे हो जायेगा।