लखनऊ मे दुग्ध व्यवसाय बंदी के कगार पर, नगर निगम कर रहा है शोषण
January 11, 2018
लखनऊ, राजधानी मे दुग्ध व्यवसाय बंदी के कगार पर पहुंच गया है। नगर निगम के शोषण और सरकारी उपेक्षा के शिकार पशुपालन व दुग्ध व्यवसाय करने वाले यह परिवार भुखमरी के कगार पर पहुंच चुकें हैं। यह आरोप आज लखनऊ मे प्रेस वार्ता कर गाजी समाज विकास समिति के अध्यक्ष इरफान अहमद गाजी ने लगाये।
गाजी समाज विकास समिति के अध्यक्ष ने बताया कि पूर्व मे लखनऊ मे 5500 परिवार दूध का व्यवसाय करते थे। जिनमे सरकारी अव्यवस्था का शिकार 2500 परिवारों ने यह व्यवसाय छोड़ दिया। जबकि 3000 परिवार अभी भी दुग्ध व्यवसाय से जुड़े हुयें हैं और किसी तरह जीवन यापन कर रहें हैं।
उनहोने बताया कि 3000 परिवारों मे से मात्र 554 परिवारों को ही पशुपालन व दुग्ध व्यवसाय के लिये गोमती नदी के किनारे कैटिल कालोनी के लिये भूमि उपलब्ध करायी गयी। शेष 2446 परिवार अपने पशुओं के साथ लखनऊ के विभिन्न क्षेत्रों मे बस गये।
समिति के अध्यक्ष इरफान अहमद गाजी ने बताया कि गाजी, यादव, घोसी, पाल आदि जातियों के लोग पशुपालन व दुग्ध व्यवसाय कर अपने परिवार का भरण पोषण कर रहें हैं।इनकी समस्याओं पर मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुये इन्हें नगर क्षेत्र मे भूमि उपलब्ध करायी जाये। नगर निगम द्वारा जानवरों को पकड़कर दुग्ध व्यवसाइयों से की जारही अवैध वसूली बंद की जाये ताकि पशुपालक व दुग्ध व्यवसायी सुचारू रूप से अपना व्यवसाय कर सकें।