भारत की 121 करोड़ से ज्यादा आबादी में 65 फीसदी लोगों की उम्र 35 साल या इससे कम है। देश के युवा अलग-अलग क्षेत्र में काम कर रहे हैं। इनमें से ज्यादातर युवा प्राइवेट कंपनियों में जॉब करते हैं। कामयाबी हासिल करने के लिए जी-तोड़ मेहनत करते हैं। पर हममे से कई लोग मेहनत के आगे अपनी हेल्थ को भूल जाते हैं। ऑफिस वर्क हो या फील्ड वर्क, लगातार काम करने और काम का प्रेशर लेने के चलते, कम उम्र में ही कुछ शारीरिक समस्याएं शुरू हो जाती हैं। आप अगर इन्हें नजरअंदाज करते हैं तो ये आगे चलकर बड़ी बीमारी का रूप ले सकती हैं।
हमने कुछ फिजियोथैरेपिस्ट से ऑफिस जाने वाले लोगों से जुड़ी शारीरिक समस्याओं और उनके रोकथाम को लेकर बातचीत की। शायद आपको भी इनमें से कुछ हेल्थ प्रॉब्लम शुरू हुई हों या कई दिनों से आप परेशान हों। हम आपको बता रहे हैं कि कैसे खुद पर थोड़ा ध्यान देकर आप हेल्थ प्रॉब्लम्स को दूर रख सकते हैं या फिजियोथैरेपिस्ट की सलाह लेकर उन्हे जड़ से खत्म कर सकते हैं..
ऑफिस गोइंग लोगों में स्पॉन्डलाइटिस और लंबर स्पॉन्डलाइटिस जैसी समस्याएं आम हैं। बचाव के उपाय अगर आपको इन समस्याओं से बचना है तो ऑफिस में बैठने का सही तरीका काफी जरूरी है। लगातार सीट पर नहीं बैठना चाहिए। बीच में सीट पर बैठे-बैठे आप अपनी बॉडी को स्ट्रैच कर सकते हैं। इसके लिए एक्सरसाइज चार्ट देखिए। डॉ. बताते हैं कि सर्वाइकल या लंबर स्पॉन्डलाइटिस बढ़ जाने पर मशीन से एक्सराइज या अलग-अलग थैरेपी लेनी होगी। डॉ. बताते हैं कि फील्ड पर रहने वाले या लगातार बाइक चलाने वाले लोगों को कंधे में दर्द, अपर बैक पेन जैसी समस्याएं हो जाती हैं।
डॉ. के मुताबिक, ज्यादा देर तक बैठकर काम करने से भी घुटने में दर्द हो सकता है। सर्वाइकल बढ़ने पर सिर दर्द, चिड़चिड़ापन, उल्टी और चक्कर शुरू हो जाते हैं। चिड़चिड़ेपन से बीपी प्रॉब्लम भी हो सकती है।
ऑफिस जाने से पहले घर पर:-
सिंगल नी टू चेस्ट स्ट्रेच-पीठ के बल लेटें और पैरों को सीधा रखें।
एक घुटने को पकड़कर छाती तक लाएं। -20 सेकेंड तक होल्ड करें।
रिलैक्स होकर दूसरे पैर के साथ भी ऐसा करें।
दोनों पैरों से 5 दफा रिपीट करें।
स्टैंडिंग स्ट्रेच:-
पैर सीधे करके खड़े हो जाइए।
घुटने के पीछे से पैर को पकड़िए।
जितना हो सके पैर को ऊपर उठाइए। 20 सेकेंड तक होल्ड कीजिए।
रिलैक्स होकर दूसरे पैर के साथ ऐसा कीजिए। दोनों साइड से 5 बार ऐसा कीजिए।
हिप रोलिंग:- पहले सीधे लेटें और अपने दोनों पैरों को थोड़ा ऊपर उठाएं। अपने हाथों को बांधकर छाती पर रखें। फिर अपने सिर को दाएं घुमाएं और मुड़े हुए पैरों को बाएं। फिर धीमे-धीमे पैरों को सीधे करके रिलैक्स हों। फिर पैर को वापस मोड़कर सिर सेंटर पर करें। फिर सिर को बाएं और मुड़े हुए पैरों को दाएं घुमाकर यह प्रक्रिया दोहराएं।
साइड बेंडिंग:- सीधे खड़े हों। पैरों के बीच थोड़ा गैप रखें और हाथों को सीधे पैरों के सहारे नीचे। फिर अपने सिर को दाईं तरफ झुकाते हुए बायां हाथ सिर के सहारे दाईं तरफ ले जाएं और दायां हाथ सीधे रखें। फिर सीधे होने के बाद सिर को बाईं तरफ और दायां हाथ बाईं तरफ ले जाएं।