लड़ाकू विमान राफेल में उडान भरी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने, कहा देश की रक्षा क्षमताओं पर गर्व

राष्ट्रपति ने राफेल में लगभग 30 मिनट तक उड़ान भरी और लगभग 200 किलोमीटर की दूरी तय की। इस विमान ने समुद्र तल से लगभग 15000 फुट की उंचाई पर और लगभग 700 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से उड़ान भरी। इसे 17 स्क्वाड्रन के कमांडिंग ऑफिसर ग्रुप कैप्टन अमित गेहानी उडा रहे थे।
बाद में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने आगंतुक पुस्तिका में लिखा कि यह उनके लिए कभी न भूलने वाला अनुभव है और उन्हें देश की रक्षा क्षमताओं पर गर्व है। उन्होंने कहा, ” भारतीय वायु सेना के राफेल विमान पर अपनी पहली उड़ान के लिए अंबाला वायु सेना स्टेशन आकर मुझे अत्यंत प्रसन्नता हो रही है। राफेल पर उड़ान मेरे लिए एक अविस्मरणीय अनुभव है। शक्तिशाली राफेल विमान पर इस पहली उड़ान ने मुझमें राष्ट्र की रक्षा क्षमताओं के प्रति गर्व की एक नई भावना जगा दी है। मैं इस उड़ान के सफल आयोजन के लिए भारतीय वायु सेना और अंबाला वायु सेना स्टेशन की पूरी टीम को बधाई देती हूं”
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु की राफेल में उडान को नारी सशक्तिकरण के बड़े प्रतीक के रूप में देखा जा रहा है। राष्ट्रपति ने उडान भरने से पहले वहां मौजूद लोगों का अभिवादन स्वीकार किया।
इस अवसर पर वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल ए पी सिंह और कई अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे। राष्ट्रपति ने वायु सेना के पायलट और अन्य अधिकारियों के साथ बातचीत भी की।
हवाई अड्डे पहुंचने पर वायु सेना प्रमुख ने उनका स्वागत किया। बाद में राष्ट्रपति ने सलामी गारद का निरीक्षण किया।
राष्ट्रपति को विमान में उडान भरने से पहले विमान और उडान के बारे में विस्तार से जानकारी दी गयी थी और उनका व्यापक मेडिकल चेकअप किया गया।
राष्ट्रपति का अंबाला वायु सेना स्टेशन से राफेल में उडान भरने का एक महत्व यह भी है कि फ्रांस से खरीदे गये इस विमान को पहले स्क्वाड्रन के माध्यम से इसी हवाई अड्डे पर वायु सेना के बेड़े में शामिल किया गया था।





