तिरुवला (केरल), भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने गुरुवार को 1975-77 में आपातकाल के दौरान जेल जाने के दौरान मार थोमा गिरजाघर के सहयोग को याद किया। आडवाणी ने बिशप फिलिपोस मर क्रिसोस्टोम के सौवें जन्मदिन समारोह में कहा, मेरे पास मार थोमा गिरजाघर की यादें हैं, खास तौर से जब आपातकाल लगा था, उस वक्त की। मैंने अपनी स्वतंत्रता खो दी थी और अन्य हजारों लोगों ने भी, जब हम सभी को जेल भेजा गया था। बिशप फिलिपोस मर क्रिसोस्टोम ने गुरुवार को अपना सौवां जन्मदिन मनाया।
आडवाणी ने कहा, उस अवधि के दौरान मुझे अच्छी तरह से याद है कि मार थोमा गिरजाघर ही था, जिसने हम सभी का समर्थन किया था, आपातकाल का विरोध किया था। मैं कभी गिरजाघर के समर्थन को नहीं भुला सकता। क्रिसोस्टोम के 90वें जन्मदिन पर हुए समारोह में भी आडवाणी मुख्य अतिथि थे। उस समय आडवाणी ने उन्हें भारत में सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले बिशप होने का भरोसा दिया था और कहा था कि वह उनके जन्म शताब्दी समारोह में हिस्सा लेने के लिए आएंगे। क्रिसोस्टोम 1953 में गिरजाघर में पादरी बनाए गए। वह मार थोमा गिरजाघर में 1999 से 2007 तक सर्वोच्च प्रमुख रहे। वह 2007 में सेवानिवृत्त हुए और वह तब से चर्च के लिए मार्गदर्शक का कार्य कर रहे हैं।