बदलती जीवनशैली से जहां लोगों का खानपान प्रभावित हुआ हैं, वहीं इससे उनकी सेहत भी बिगड़ी है। कम उम्र में शराब की आदत ने युवाओं के फेफड़े और लीवर को खासा नुकसान पहुंचाया है। ज्यादातर की इससे मौत भी हो जाती है। अल्कोहल से होने वाली लीवर प्रोब्लम को सिरोसिस आफ लिवर कहा जाता है। इस बीमारी में लीवर की कोशिकाओं पर कटे जैसे निशान बन जाते हैं। ऐसी अवस्था में लिवर के सामान्य टिशू खत्म हो जाते हैं और उसकी जगह स्कार टिशू आ जाते हैं। ऐसी बीमारी होने की ओर भी वजह हैं। जैसे हेपटाइटिस सी वायरस और क्रोनिक सूजन वगैरह पर सबसे बड़ी वजह है- अल्कोहल का सेवन।
ज्यादातर मरीज जिन्हें सिरोसिस की समस्या होती है, वे इसके शुरुआती लक्षण से अनजान होते हैं जब तक जांच में यह बात साबित नहीं हो जाती। लीवर संक्रमण के कई लक्षण पहले नजर आने लगते हैं जैसे थकान, उल्टी और चक्कर आना, डायरिया और पेट दर्द वगैरह। जो लोग ज्यादा अल्कोहल का सेवन करते है, उन्हें खुद पर ध्यान रखने की ज्यादा जरूरत है। उन्हें डॉक्टरी जांच कराते रहना चाहिए ताकि लीवर संक्रमण के आखिरी चरण पर पहुंचने से पहले इलाज शुरू हो सके। सबसे बड़ी बात यह कि अगर अपने खानपान में बदलाव लाया जाए तो लीवर संक्रमण से काफी हद तक बचा जा सकता है।
दवाइयों के अलावा अगर लाइफस्टाइल में थोड़ा बदलाव किया जाए तो लीवर को स्वस्थ रखने में काफी मदद मिल सकती है। लिवर संक्रमण को भी कम किया जा सकता है। हर दिन नियमित रूप से कम से कम थोड़ी देर जरूर टहलें। वजन को नियंत्रण में रखें। खान-पान में बदलाव बहुत जरूरी है। अगर आप नॉन-वेजिटेरियन हैं, तो आपको मांसाहारी भोजन से नुकसान हो सकता है। जितना संभव हो शाकाहारी खाना खाए। शाकाहारी खाना आसानी से पच जाता है जिससे लीवर को ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ती है।
अगर लिवर सिरोसिस गंभीर है तो शुरुआत में सिर्फ कच्चे और ताजे फल और सब्जियां या उनके जूस पीएं। बाद में धीरे-धीरे दाल-चावल खाना शुरू करें। सामान्य दूध की बजाय बकरी का दूध ज्यादा फायदेमंद है। यह जल्द पचता है और शरीर को जरूरी प्रोटीन देता है। तला हुआ खाना और डेजर्ट वगैरह से हमेशा दूर रहें इससे लिवर डैमेज होने का खतरा ज्यादा होता है क्योंकि इसमें बहुत ज्यादा फैट और चीनी होता है। एलोवेरा जूस का सेवन नियमित रूप से करें। इससे पाचन क्रिया मजबूत होती है।