लेखकों, पत्रकारों, ब्लागरों के लिये खुशखबरी, यूसी न्यूज ने शुरू की वी-मीडिया िरवार्ड योजना
March 9, 2017
नई दिल्ली, चीन के अलीबाबा समूह के ऑनलाइन कंटेट (पठनीय सामग्री) और समाचार इत्यादि मुहैया कराने वाले उद्यम यूसी न्यूज ने आज अलग-अलग तरह के इस प्लेटफार्म का उपयोग करने वाले लेखकों के लिए एकल साझा मंच वी-मीडिया के दूसरे चरण की विस्तार योजना का खुलासा किया। कंपनी ने नयी वी-मीडिया रिवार्ड योजना इसके लिए शुरूआती तौर पर पांच करोड़ रूपये का निवेश किया है। यूसी न्यूज के वी-मीडिया के प्रमुख ब्रूस जुओ ने कहा, वी-मीडिया एक कंटेंट एग्रीगेटर सेवा है। इसमें हम कंटेट बनाने वालों को एक मंच मुहैया कराते हैं जहां वह अपनी मर्जी से कंटेंट डाल सकते हैं और इसके बदले में हम विज्ञापनदाताओं से होने वाली कमाई से उन्हें उसका भुगतान करते हैं। यूसी न्यूज अलीबाबा समूह के मोबाइल कारोबार यूसी वेब का ही हिस्सा है। यूसी न्यूज को पिछले साल जून में शुरू किया गया था। कंपनी का दावा है कि उसके पास आठ करोड़ मासिक सक्रिय उपभोक्ता हैं जो गूगल और फेसबुक के सक्रिय उपयोक्ताओं की संख्या से बहुत पीछे नहीं है।
वी-मीडिया के तहत कंपनी विभिन्न तरह के लेखकों, ब्लॉगरों और विशेषज्ञों को अपना कंटेंट लिखने का एकल ऑनलाइन मंच उपलब्ध कराती है। जहां उनके कंटेंट की लोकप्रियता के आधार पर विज्ञापन से होने वाली आय का हिस्सा उन्हें दिया जाता है। जुओ ने बताया कि इसके भारत और इंडोनेशिाया में दूसरे विस्तार के चरण में हम सुपर 1000 कंटेंट निर्माताओं की पहचान करेंगे और उसके आधार पर उन्हें 50,000 रूपये मासिक का निश्चित भुगतान करेंगे। कंपनी ने इस दायरे में आने के लिए कुछ विशेष नियम बनाए हैं जिसमें कंटेंट उपलब्ध कराने का समय पालन, उसकी मौलिकता, सामग्री की गुणवत्ता जो स्थानीय कानूनों का उल्लंघन ना करती हो इत्यादि को शामिल किया गया है। इस अवसर पर यूसीवेब के सह-संस्थापक ही शियाओपेंग ने कहा कि यूसी वेब का पूरा ध्यान वैसे भी कंटेंट के वितरण और प्रबंधन पर है ना कि उसके निर्माण पर, इसलिए कंटेंट की कमी को पूरा करने के लिए हम विभिन्न तरह के कंटेट आपूर्तिकर्ताओं के साथ साझेदारी कर रहे हैं और इसी के साथ वी-मीिडया पर भी ध्यान दे रहे हैं। कंपनी ने शॉर्ट वीडियो श्रेणी में भी अपने विस्तार की बात कही। इसके तहत वह दो मिनट की समयावधि वाले कंटेंट वीडियो पर ध्यान केंद्रित कर उसे प्रसारित करेगी। कंपनी ने कहा कि उसके मंच पर अंग्रेजी, हिंदी और इंडोनेशियाई भाषा में कंटेंट उपलब्ध है। भारत में हिेंदी की सामग्री उपभोग की वृद्धि दर जहां 350 प्रतिशत है वहीं अंग्रेजी भाषा में यह 200 प्रतिशत है।