देहरादून, उत्तराखंड विधानसभा में आज हुए शक्ति परीक्षण में बाजी जीतते हुए लग रहे अपदस्थ मुख्यमंत्री हरीशहरीश रावत ने आज उसके परिणाम पर कोई टिप्पणी करने से यह कहते हुए इंकार कर दिया कि इसके बारे में सर्वोच्च न्यायालय कल घोषणा करेगा, लेकिन उन्होंने लोकतंत्र बचाने की चुनौती के दौरान अपने पीछे चट्टान की तरह खड़े रहने वाले पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को धन्यवाद दिया। सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर हुए शक्ति परीक्षण के तुरंत बाद रावत यहां कांग्रेस मुख्यालय पहुंचे जहां उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं, नेताओं और विधायकों का नाम ले कर उन्हें व्यक्तिगत रूप से धन्यवाद दिया। इसके साथ ही उन्होंने सोनिया गांधी, राहुल गांधी, उत्तराखंड में पार्टी मामलों की प्रभारी अंबिका सोनी और सह प्रभारी संजय कपूर को भी उनके बहुमूल्य मार्गदर्शन के लिये धन्यवाद दिया तथा कहा कि लोकतंत्र के लिये संघर्ष में जीत अकेले नहीं पायी जा सकती। लोकतंत्र के लिये संघर्ष में जीत अहंकार से नहीं बल्कि केवल विनम्रता से ही हासिल करने की बात कहते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि इस लड़ाई में उन्हें उत्तराखंड के हर वर्ग खास तौर से प्रदेश के गांवों में बसने वाले चुपचाप रहने वाले बहुमत से बहुत शक्ति मिली। पार्टी कार्यकर्ताओं के नारों के बीच रावत ने कहा, पिछले एक-डेढ़ महीने में ऐसे कई क्षण आये जब लगा कि आकाश से आये दानव उत्तराखंड पर झपट्टा मारकर उसके शरीर पर एक के बाद एक कई दर्द भरे घाव लगा रहे हैं, लेकिन इस दौरान भी उत्तराखंड की जनता खासतौर से गांवों में बसने एवं चुपचाप रहने वाले ज्यादातर लोगों, महिलाओं, अल्पसंख्यकों, दलितों ने लोकतंत्र के लिये संघर्ष में मेरा साथ दिया। रावत ने केंद्र से भी टकराव की राजनीति छोड़कर विकासोन्मुखी उत्तराखंड के निर्माण के लिये सहयोग का हाथ बढ़ाने की अपील की। उन्होंने कहा, मैं पिछले काफी समय से कह रहा हूं कि मैं एक छोटे से राज्य का छोटा सा मुख्यमंत्री हूं, जिसे गरीबी, पिछड़ेपन जैसी समस्याओं से लड़ना है। आइये हम टकराव की राजनीति समाप्त करें और उत्तराखंड को विकास की राह पर ले जाने के लिये साथ में काम करें। मैं दिल्ली मे बैठे सभी शक्तिशाली लोगों से इस महान मिशन के लिये सहयोग का हाथ बढ़ाने की अपील करता हूं। स्टिंग आपरेशन की सीबीआई जांच के लिये केंद्र की खिल्ली उड़ाते हुए रावत ने कहा कि वह जेल जाने के लिये भी तैयार हैं। उन्होंने कहा, वास्तव में मैं जेल जाने की तैयारी पहले ही शुरू कर चुका हूं। उम्र बढ़ने के साथ मेरी बहुत ज्यादा गर्मी सहने की क्षमता कम हो गयी है लेकिन अब मैंने अपने घर के पंखे आदि बंद कर दिये हैं, जिससे मैं जेल की दशाओं के अनुरूप खुद को ढाल सकूं। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि वह इस संबंध में नार्को टेस्ट से गुजरने को भी तैयार हैं, लेकिन उन्होंने अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को भी ऐसा करने की चुनौती दी।