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लोकतंत्र को बचाने के लिए, मायावती किसी भी पार्टी से हाथ मिलाने को तैयार 

 

लखनऊ,  आंबेडकर जयंती के मौके पर लखनऊ में मायावती ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि लोकतंत्र को बचाना प्रमुख उद्देश्य है और इसके लिए वो किसी से भी हाथ मिलाने को तैयार हैं। अपने भाषण में उन्होंने ईवीएम के ख़िलाफ़ भी निशाना साधा।

अंबेडकर जयंती के मौके पर मायावती ने सबसे पहले अपने संबोधन में कहा कि बसपा ने देशभर में ईवीएम के खिलाफ प्रदर्शन किया है और आगे भी करते रहेंगे।उन्होंने 11 अप्रैल को ईवीएम के विरोध में बसपा के धरना प्रदर्शन का हवाला देते हुए कहा कि अगर ईवीएम के मुद्दे पर बाकी विपक्षी दल साथ आते हैं तो वो इसे आगे बढ़ाएंगी. मायावती ने यह स्पष्ट किया कि भाजपा और ईवीएम से छेड़छाड़ के खिलाफ संघर्ष के लिए बसपा को भाजपा विरोधी दलों की मदद लेने में कोई आपत्ति नहीं है क्योंकि हम लोकतंत्र को जिन्दा रखना चाहते हैं।

हाल ही में हुए उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में जीत की उम्मीद कर रही बसपा को करारी हार का सामना करना पड़ा था। चुनाव नतीजे आने से ठीक पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी मुखिया अखिलेश यादव ने भी कुछ ऐसे ही संकेत दिये थे।तभी से राज्य की इन दो सबसे बड़ी प्रतिद्वंद्वी पार्टियों में भविष्य में गठबंधन की अटकलें लगाई जा रही थीं।

बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने बाबा साहेब अंबेडकर की जयंती के मौके पर कहा कि चुनावों के दौरान हमारे खिलाफ दुष्प्रचार किया गया। उन्होंने कहा कि हमारे ऊपर सबसे ज्यादा मुसलमानों को टिकट देने का आरोप लगाकर दुष्प्रचार किया गया. कहा गया था कि ऐसे तो उत्तर प्रदेश पाकिस्तान बन जाएगा और चुनाव में इसको लेकर प्रचार किया गया। मायावती ने कहा कि जब हमारी सरकार पूर्ण बहुमत के साथ बनी थी, तब भी कई मुसलमान जीत कर आये थे लेकिन तब भी हमने यूपी को पाकिस्तान नहीं बनने नहीं दिया था। और मैं आश्वस्त करती हूं कि आगे भी मैं यूपी को पाकिस्तान नहीं बनने दूंगी। मायावती ने कहा कि मुस्लिम पर्सनल बोर्ड तलाक पीड़ित मुस्लिम महिलाओं को न्याय नहीं दे पा रहा है। इसलिये सुप्रीम कोर्ट जल्द ही इस पर फैसला ले।