चंडीगढ़, लोकसभा चुनावों में पंजाब में दो मौजूदा सांसदों एवं तीन विधायकों समेत 248 प्रत्याशियों की जमानत जब्त हुई है। ये विधायक आम आदमी पार्टी से या ऐसे उम्मीदवार थे जिन्होंने पार्टी छोड़कर पंजाब डेमोक्रेटिक अलायंस (पीडीए) के परचम तले चुनाव लड़ा था। पीडीए कई पार्टियों का समूह है। राजनीतिक पार्टियों में सबसे बुरा हाल आप उम्मीदवारों का रहा। उनके 12 उम्मीदवार जमानत बचाये रखने के लिये जरूरी मत प्रतिशत का छठा हिस्सा पाने में नाकाम रहे।
पार्टी का मत प्रतिशत 2014 के आम चुनाव में राज्य में जहां करीब 24 प्रतिशत था वहीं इस बार के आम चुनाव में यह घटकर सिर्फ 7.38 मत प्रतिशत ही रह गया। संगरूर से सांसद भगवंत मान ही एकमात्र आप उम्मीदवार रहे जो लोकसभा के लिये दोबारा चुने गये हैं। 2014 के चुनाव में पार्टी ने चार सीटें जीती थीं। जिन अन्य सांसदों की जमानत जब्त हुई उनमें नवां पंजाब पार्टी के पटियाला से उम्मीदवार धरमवीर गांधी शामिल है। उन्हें करीब 1.61 लाख वोट मिले। 2014 में आप की टिकट पर वह सांसद चुने गये थे। आप के फरीदकोट से मौजूदा सांसद संधू सिंह की भी जमानत जब्त हुई है। वह कांग्रेस के मोहम्मद सादिक से मुकाबला हार गये।
तलवंडी साबो से आप विधायक रहीं और बठिंडा से लोकसभा उम्मीदवार बलजिंदर कौर की भी जमानत जब्त हुई है। पंजाब एकता पार्टी (पीईपी) के संस्थापक एवं भोलाथ से विधायक सुखपाल सिंह खैरा ने आप से अलग होकर बठिंडा से पीडीए के बैनर तले चुनाव लड़ा था, लेकिन उनकी भी जमानत जब्त हो गयी। इसी तरह से पीईपी उम्मीदवार एवं जैतू से विधायक बालदेव सिंह ने आप से अलग होकर पीईपी उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा, लेकिन वह भी अपनी जमानत गंवा बैठे।
होशियारपुर और आनंदपुर साहिब से बसपा उम्मीदवार भी अपना जमानत गंवा बैठे। ऐसा ही कुछ हाल अमृतसर एवं फिरोजपुर से भाकपा उम्मीदवारों का रहा। आनंदुपर साहिब से माकपा उम्मीदवार तथा बठिंडा एवं फतेहगढ़ साहिब से लोक इंसाफ पार्टी के प्रत्याशी का भी कुछ ऐसा ही हाल रहा। शिरोमणि अकाली दल से टूटकर बने शिअद (टकसाली) के एकमात्र प्रत्याशी बीर देविंदर सिंह की भी आनंदपुर साहिब में जमानत जब्त हो गयी।
शिरोमणि अकाली दल (मान) के प्रमुख सिमरनजीत सिंह मान को भी संगरूर में ऐसा ही कुछ सामना करना पड़ा। अमृतसर से 28 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हुई है। लोकसभा चुनाव लड़ने वाले 10 मौजूदा सांसदों में से पांच दोबारा चुनकर आये हैं, जिनमें हरसिमरत कौर बादल (बठिंडा), संतोख चौधरी (जालंधर), भगवंत मान (संगरूर), गुरजीत औजला (अमृतसर) ओर रवनीत सिंह बिट्टू (लुधियाना) के नाम शामिल हैं।