सहारनपुर, उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले के देवबंद स्थित इस्लामी शिक्षा केंद्र दारुल उलूम से लोकसभा चुनाव में किसी दल को वोट देने की अपील नहीं की जायेगी। दारुल उलूम के मौजूदा चांसलर मुफ्ती अबुल कासिम नोमानी ने रविवार को यूनीवार्ता से बातचीत में कहा कि लोकसभा चुनाव में संस्थान की तरफ से कोई फतवा या अपील जारी नहीं होगी। उन्होंने राजनीतिक दलों के नेताओं से भी गुजारिश की है कि वे चुनावों के दौरान संस्थान न आयें।
वहींए दारुल उलूम वक्फ के 78 वर्षीय मौलाना अब्दुल्ला जावेद ने बताया कि 1952 में हुये लोकसभा के पहले चुनाव में शिक्षण संस्थान ने पहली और आखिरी बार मुसलमानों से कांग्रेस को वोट देने की अपील की थी। उसके बाद कभी किसी दल के पक्ष में अपील नहीं की गयी।
मौलाना जावेद ने बताया कि दारुल उलूम के मोहतमिम रहे मौलाना मरगुबुर्रहमान से राहुल गांधीए मुलायम सिंह यादवए सलमान खुर्शीद और नसीमुद्दीन सिद्दीकी जैसे नेता मिलने आये लेकिन मौलाना ने किसी के पक्ष में अपील जारी नहीं की।
गौरतलब है कि इस विश्व प्रसिद्ध इस्लामी शिक्षण संस्थान में भूदान आंदोलन के प्रणेता आचार्य विनोबा भावेए देश के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजादए राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद और फखरुद्दीन अली अहमदए प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री रहे नारायण दत्त तिवारी भी आ चुके हैं।