लोकसभा चुनाव 2019 : किंगमेकर की भूमिका मे रहना चाहतें हैं अखिलेश यादव…..
January 10, 2018
नई दिल्ली, वर्ष 2019 का लोकसभा चुनाव अभी दूर है लेकिन समाजवादी पार्टी की तैयारी शुरू हो गयी है।समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव के आगामी लोकसभा चुनाव को ‘निर्णायक’ करार देने से स्पष्ट है कि वह इन चुनावों को कितना महत्व दे रहें हैँ। कारण साफ है कि 2019 के लोकसभा चुनाव मे अखिलेश यादव किंगमेकर की भूमिका मे रहना चाहतें हैं।
अखिलेश यादव किंगमेकर की भूमिका मे रहने का सपना अनायास नही है।वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव मे बीजेपी के लिये अबकी बार कांटे की लड़ाई होगी। यूपी और बिहार जहां लोकसभा की 120 सीटें हैं, यहां से आधी भी सीटें निकाल पाना बीजेपी के लिये अबकी बार नाकों चने चबाने के समान होगा। कांग्रेस की भी भूमिका इन राज्यों मे प्रभावी नही रही है। एेसी स्थिति मे क्षेत्रीय दलों राजद और सपा की स्थिति मजबूत होगी।
लोकसभा चुनाव मे यूपी सबसे बड़ा राज्य है। यहां लोकसभा सांसद की 80 सीटें हैं। यूपीए एक की सरकार मे इसी यूपी से समाजवादी पार्टी के 38 सांसद रह चुकें हैं।अखिलेश यादव अबकी बार हाफ सेंचुरी मारना चाहतें हैं।जोकि बहुत बड़ा लक्ष्य नही है।वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव मे भाजपा और उसके सहयोगी दलों ने उत्तर प्रदेश की 80 में से 73 लोकसभा सीटें जीती हैं. समाजवादी पार्टी मात्र 5 सीटें और कांग्रेस ने 2 सीटें जीतीं थीं।
इसके लिये समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने योजना तैयार कर ली है।अखिलेश यादव ने कहा है कि उत्तर प्रदेश के चुनाव नतीजों का संदेश पूरे देश में जाता है. इस समय हम किसी दल से गठबंधन करने के बारे में नहीं सोच रहे हैं, क्योंकि इससे (समझौते और सीटों के बंटवारे में) काफी वक्त खराब होता है, और मैं (सीटों को लेकर) किसी भ्रम में नहीं पड़ना चाहता.
सपा अध्यक्ष ने कहा कि सपा को अब तक केवल उत्तर प्रदेश तक ही सीमित माना जाता है. लेकिन अब उनकी पार्टी अन्य राज्यों में भी लोकसभा चुनाव लड़ेगी, जहां सपा संगठन मजबूत है. मध्य प्रदेश, झारखंड और छत्तीसगढ़ में सपा का संगठन मजबूत है. इसके अलावा हम उत्तराखंड और राजस्थान में भी इस दिशा में काम कर रहे हैं.
अखिलेश यादव ने कहा कि वह सपा कार्यकर्ताओं में जोश भरने के लिये एक बार फिर ‘रथ यात्रा’ निकालेंगे. इसके लिये मार्गयोजना तैयार की जा रही है. जनता को सपा से उम्मीदें हैं, क्योंकि यही दल भाजपा को रोक सकता है. उन्होंने कहा कि इस समय मेरी प्राथमिकता सपा के वोट बैंक को मजबूत करने की है और मैं इसके लिये काम कर रहा हूं. अगर आप मजबूत होंगे तो आपकी दावेदारी ज्यादा मजबूत होती है. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि उनका राजनीति करने का अंदाज अलग है और वह समान विचारधारा वाले दलों के साथ ‘दोस्ती’ को तैयार हैं, लेकिन इस वक्त उनकी प्राथमिकता दूसरी है. वर्ष 2019 के चुनाव में अभी समय है। इस वक्त हम हर सीट पर प्रत्याशियों का चयन करने में स्थानीय समीकरणों पर काम कर रहे हैं.