नयी दिल्ली, कावेरी नदी पर बांध के मुद्दे और आंध्र प्रदेश के लिए विशेष दर्जे की मांग को लेकर क्रमश: अन्नाद्रमुक एवं तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) के सदस्यों के हंगामे के कारण बृहस्पतिवार को लोकसभा की कार्यवाही दो बार के स्थगन के बाद दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई। लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने आज जानबूझकर सदन में आसन के समीप आकर और नियमों का उल्लंघन करते हुए कार्यवाही में बाधा डालने के लिए तेदेपा के 13, अन्नाद्रमुक के 7 सदस्यों समेत कुल 21 सदस्यों को नियम 374 ए के तहत सदन की कार्यवाही से चार कामकाजी दिनों के लिए निलंबित कर दिया। इनमें तेदेपा के पूर्व केंद्रीय मंत्री अशोक गजपति राजू, जयदेव गल्ला, टी नरसिंहन, मुरली मोहन, वेंकटेश्वर राव मगंत्ती, श्रीराम मलयाद्रि, के निम्मला, राममोहन नायडू, कोनकल्ला नारायण राव, एम श्रीनिवास राव, जेसी दिवाकर रेड्डी, एस केसीनेनी और पी रवींद्र बाबू हैं। अन्नाद्रमुक के निलंबित किये गये सात सदस्यों में ए अरुणमोझितेवन, गोपालकृष्णन चिन्नाराज, आर गोपालकृष्णन, आर पी मुरुताराजा, जे टी नटर्जी, वी पनीरसेल्वम और पी आर सेंतिलनाथन हैं।
एक बार के स्थगन के बाद सदन की कार्यवाही दोबारा फिर शुरू हुई तो सदन में अन्नाद्रमुक और तेदेपा सदस्यों का शोर शराबा प्रश्नकाल की तरह ही जारी रहा। अन्नाद्रमुक और तेदेपा के सदस्य आसन के निकट पहुंचकर नारेबाजी करने लगे। हंगामा कर रहे कुछ सदस्यों ने कागज के टुकड़े उछाले।हंगामे के बीच संसदीय कार्य मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि सदन की मर्यादा भंग की जा रही है। राफेल मामले पर और देश के मुद्दों पर चर्चा होनी है। सदस्यों से आग्रह है कि अपने स्थान पर जाएं।
सदन में हंगामे के बीच सुमित्रा महाजन ने आवश्यक कागजात रखवाए। स्पीकर की चेतावनी के बाद भी हंगामा जारी रहा। इसके बाद अन्नाद्रमुक और तेदेपा के 19 सदस्यों को चार कामकाजी दिनों के लिए सदन से निलंबित कर दिया गया। लोकसभा अध्यक्ष ने करीब 12:15 बजे कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी। दोपहर दो बजे सदन की बैठक पुन: शुरू होने पर तेदेपा के निलंबित सदस्य आसन के समीप आकर नारेबाजी कर रहे थे। अन्नाद्रमुक के भी कुछ सदस्य अपनी मांग को लेकर हंगामा कर रहे थे। अध्यक्ष महाजन ने निलंबित सदस्यों को चेतावनी देते हुए सदन से बाहर जाने को कहा। उन्होंने तेदेपा के दो और सदस्यों को निलंबित कर दिया।
इससे पहले, प्रश्नकाल शुरू होने के साथ ही तेदेपा सदस्य आंध्रप्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग करते हुए हाथों में तख्तियां लेकर आसन के निकट पहुंच गए। कुछ देर बाद अन्नाद्रमुक सदस्य भी कावेरी नदी पर बांध का निर्माण रोकने की मांग करते हुए आसन के निकट पहुंच गए। अन्नाद्रमुक के कुछ सदस्यों ने कागज के टुकड़े उछाले। शोर-शराबे के बीच ही अध्यक्ष ने सड़क परिवहन मंत्रालय और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय से संबंधित प्रश्न लिए और इन विभागों के संबंधित मंत्रियों ने पूरक प्रश्नों के उत्तर भी दिए।
लोकसभा अध्यक्ष ने सदस्यों से अपने स्थानों पर जाने और सदन की बैठक चलने देने की अपील की। उन्होंने चेतावनी दी कि ‘आप अपनी सीट पर जाइए, नहीं तो सभी को नाम लेकर पुकारूंगी।’ हंगामा थमता नहीं देख उन्होंने सदन की बैठक दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। गौरतलब है कि स्पीकर सुमित्रा महाजन ने कावेरी मुद्दे पर हंगामा कर रहे अन्नाद्रमुक के 24 सदस्यों को बुधवार को पांच कामकाजी दिनों के लिए निलंबित कर दिया था। लोकसभा में अन्नाद्रमुक के कुल 37 सदस्य हैं ।