एक बार के स्थगन के बाद दो बजे जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरु हुई कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी सहित विपक्षी दलों के सदस्यों ने सदन के बीचोंबीच आकर हंगामा शुरु कर दिया और नारेबाजे करने लगे। शोर शराबे के बीच पीठासीन अधिकारी राजेंद्र अग्रवाल ने सदन के पटल पर आवश्यक कागजात रखवाए।
श्री अग्रवाल ने हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही चलाने का प्रयास किया और सदस्यों से अपनी सीटों पर जाने का बार-बार आग्रह किया। सदस्यों ने उनकी बात नहीं सुनी और लगातार हंगामा करते रहे। हंगामा कर रहे सदस्य आसन के दोनों तरफ खड़े होकर नारेबाजी करते रहे।
पीठासीन अधिकारी ने सदस्यों से आग्रह किया कि राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा संवैधानिक दायित्व भी है और यह सदन की परंपरा भी रही है। सदस्यों को सदन में चलाने में सहयोग करना चाहिए और राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा शुरु करानी चाहिए, लेकिन सदस्य उनकी बात को अनसुना कर हंगामा करते रहे जिसके कारण श्री अग्रवाल ने सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी।