नयी दिल्ली, केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि पिछले सात वर्षों में सरकार, लोकतंत्र, बहुपक्षीय लोकतांत्रिक प्रणाली और संसदीय लोकतांत्रिक प्रणाली पर लोगों का खोया भरोसा बढाना मोदी सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि है।
श्री शाह ने शुक्रवार को यहां भारतीय उद्योग एवं वाणिज्य महासंघ (फिक्की) की 94 वीं वार्षिक आम सभा को संबोधित करते हुए कहा कि 2014 से पहले तीन दशकों तक देश में पूर्ण बहुमत की सरकार नहीं थी और उनके द्वारा निर्णय नहीं लिए जाने से यह लग रहा था कि सरकार में नीतिगत पंगुता आ गयी है। उन्होंने कहा , “ 30 सालों तक देश ने पूर्ण बहुमत की और निर्णायक सरकार नहीं देखी थी और सब मानते थे कि सरकार को पॉलिसी पैरालिसिस हो गया था।
निवेशकों का भरोसा उठ गया था, क्रोनी कैपिटलिज़्म चरम पर था, मंहगाई आसमान छू रही थी, ईज़ ऑफ़ डूइंग बिज़नेस में हम दूर-दूर तक कहीं नहीं थे, बैंकिंग व्यवस्था चरमराई हुई थी और इसके साथ 12 लाख करोड़ के घपले, घोटाले और भ्रष्टाचार से पूरी व्यवस्था चरमरा गई थी और देश की जनता का सरकार पर से भरोसा उठ चुका था।”
उन्होंने कहा कि सरकार का संवैधानिक कार्यकाल पांच साल का होता है लेकिन जब सरकार लोगों का भरोसा खो देती है, तब सरकार की आत्मा नहीं रहती है और जिस सरकार की आत्मा नहीं होती है, वो सरकार फ़ैसले नहीं ले सकती है और परिवर्तन नहीं कर सकती है।
श्री शाह ने कहा कि पिछले सात वर्षों में मोदी सरकार ने लोगों के भरोसे को बढाने में सफलता हासिल की है। उन्होंने कहा, “ सात साल पहले जो लोगों का भरोसा सरकार पर से उठ गया था, वो अब बढ़ा है और 130 करोड़ लोगों का लोकतंत्र, बहुपक्षीय लोकतांत्रिक प्रणाली व संसदीय लोकतांत्रिक प्रणाली पर भरोसा बढ़ाना नरेन्द्र मोदी सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि है।”
उन्होंने कहा कि सरकार की दूसरी सबसे बड़ी उपलब्धि है कि उसकी नीतियों से अर्थतंत्र का दायरा बढा है। देश के 60 करोड़ लोग ऐसे थे जिनके पूरे परिवार में एक भी बैंक खाता नहीं था। “ लोगों को नीतियों में अपना हित ही नहीं पता था, आज़ादी के बाद उन्हें क्या मिला इसका आभास नहीं था। प्रधानमंत्री ने इन 60 करोड़ लोगों को देश के अर्थतंत्र के साथ जोड़कर न सिर्फ उन्हें उनका अधिकार दिया बल्कि देश के विकास के साथ जोड़ने का भी काम किया।”