नई दिल्ली, भारत के वंशज और प्रीति ने दुबई में जारी एएसबीसी एशियाई युवा और जूनियर मुक्केबाजी चैंपियनशिप में 6 अन्य युवा भारतीयों के साथ फाइनल में जगह बना ली है। वंशज और प्रीति के अलावा विशाल (80 किग्रा), प्रीति दहिया (60 किग्रा), सिमरन वर्मा (52 किग्रा) और स्नेहा कुमारी (66 किग्रा) फाइनल में जगह बनाने वाले अन्य भारतीय मुक्केबाज हैं।
भारत को दिन की बिल्कुल सही शुरुआत देते हुए वंशज ने ईरान के फरीदी अबोलफजल के खिलाफ शानदार प्रदर्शन किया और पुरुषों के 64 किग्रा भार वर्ग के सेमीफाइनल में एकतरफा अंदाज में 5-0 से शानदार जीत हासिल की। इधर, विशाल ने युवा लड़कों के वर्ग में जीत की गति को आगे बढ़ाया और कजाकिस्तान के डौरेन मामिर के खिलाफ एकतरफा जीत हासिल करने में सफल रहे। 5-0 के अंतर से जीत हासिल करने के दौरान विशाल रिंग में काफी प्रभावशाली दिखे।
इस प्रतिष्ठित महाद्वीपीय प्रतियोगिता के सातवें दिन, जिसमें दोनों आयु वर्ग-जूनियर और युवा- के मुकाबले पहली बार एक साथ खेले जा रहे हैं, पांच जूनियर भारतीय मुक्केबाज अपना-अपना सेमीफाइनल मुकाबला खेलेंगे। लड़कों के वर्ग में आशीष (54 किग्रा) और अंशुल (57 किग्रा) एक्शन में दिखाई देंगे, जबकि विशु राठी (48 किग्रा), तनु (52 किग्रा) और निकिता चंद (60 किग्रा) लड़कियों के वर्ग अपने प्रतिद्वंद्वियों का सामना करेंगी।
लगभग दो वर्षों के अंतराल के बाद एशियाई स्तर पर होनहार युवा प्रतिभाओं के लिए चल रही एशियाई चैंपियनशिप बहुत जरूरी प्रतिस्पर्धी टूर्नामेंट है, जो महामारी के कारण हार गई थी। भारत के मुक्केबाजों ने पहले ही इस आयोजन में देश को 25 से अधिक पदक दिलाने का आश्वासन दिया है, जिसमें कजाकिस्तान, उज्बेकिस्तान और किर्गिस्तान जैसे मजबूत मुक्केबाजी देशों के मुक्केबाजों की उपस्थिति में प्रतिस्पर्धा देखी जा रही है।
महामारी के कारण रोके जाने के कारण लगभग दो वर्षों के अंतराल के बाद, एशियाई स्तर पर होनहार युवा प्रतिभाओं के लिए चल रही एशियाई चैंपियनशिप बहुत आवश्यक प्रतिस्पर्धी टूर्नामेंट है। भारत के मुक्केबाजों ने पहले ही देश के लिए 25 से अधिक पदक जीतने का दावा पेश किया था।
यह टूर्नामेंट कजाकिस्तान, उज्बेकिस्तान और किर्गिस्तान जैसे मजबूत मुक्केबाजी देशों के मुक्केबाजों की उपस्थिति में जोरदार प्रतिस्पर्धा का गवाह रहा है।