
श्री गुप्ता ने कहा, “यह पुरस्कार विधायकों को संसदीय मर्यादा के उच्चतम मानकों को बनाए रखने और सार्थक विधायी चर्चाओं में सक्रिय योगदान देने के लिए प्रेरित करेगा। यह दिल्ली विधानसभा को एक ‘आदर्श विधानसभा’ बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो लोकतांत्रिक शासन में नए मानदंड स्थापित करेगा।” विधानसभा अध्यक्ष ने इस अवसर पर विधायकों को स्मृति-चिह्न भी प्रदान किए।
दो दिवसीय ओरिएंटेशन कार्यक्रम का आयोजन संसदीय अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान द्वारा किया गया, जिसमें नव-निर्वाचित विधायकों को महत्वपूर्ण संसदीय ज्ञान प्रदान किया गया। इस कार्यक्रम में संवैधानिक प्रावधानों, कार्य संचालन नियमों, प्रश्नकाल प्रक्रियाओं, विधायी प्रस्तावों और नीति निर्माण रूपरेखा पर विस्तृत चर्चा की गई। विशेषज्ञों द्वारा संचालित व्याख्यान, संवाद और इंटरैक्टिव सत्रों ने सुशासन और विधायी प्रक्रियाओं पर महत्वपूर्ण अंतर्दृष्टि प्रदान की।
कार्यक्रम की सफलता पर संतोष व्यक्त करते हुए श्री गुप्ता ने विधानसभा की प्रभावशीलता को बढ़ाने के लिए इस तरह की प्रशिक्षण पहलों की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “इन व्यापक प्रशिक्षण सत्रों से हमारे विधायकों को आवश्यक ज्ञान और कौशल प्राप्त करने में मदद मिलेगी, जिससे वे जनता की अधिक प्रभावी सेवा कर सकें।”
दिल्ली विधानसभा लोकतांत्रिक संस्थाओं को सुदृढ़ करने और अपने विधायकों की क्षमता निर्माण के लिए निरंतर प्रयासरत है, जिससे राष्ट्रीय राजधानी में सुशासन और जवाबदेही सुनिश्चित हो सके।