नयी दिल्ली, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोविड पश्चात भारत और वर्ष 2047 के भारत की ओर समग्रता से बढ़ने का आह्वान किया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में रविवार को नीति आयोग की शासी परिषद की सातवीं बैठक हुई।
बैठक के बाद नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बैरी और मुख्य कार्यकारी अधिकारी परमेश्वरण अय्यर ने एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि प्रधानमंत्री ने शुरुआती उद्बोधन कोविड-19 के दौरान केंद्र सरकार और राज्य सरकारों के सहयोग की चर्चा की और कहा कि बेहतर कोविड-19 एक आदर्श बन गया है। प्रधानमंत्री ने राज्यों से कोविंद पश्चात के भारत और भविष्य तथा वर्ष 2047 के भारत के लिए समग्र विकास की दिशा में काम करने को कहा। उन्होंने बताया कि बैठक में जी-20 सम्मेलन, फसलों के विविधीकरण, शहरी प्रशासन, उच्च शिक्षा और ‘2047 में भारत’ पर गहन मंथन किया गया।
सुमन बैरी ने बताया कि बैठक में अगले वर्ष देश में होने वाली जी- 20 की बैठक के आयोजन और राज्यों की भूमिका पर भी विचार विमर्श किया गया। इसके अलावा फसलों का विविधीकरण, राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन, उच्च शिक्षा, शहरी प्रशासन, इंटरनेट कनेक्टिविटी और ‘वर्ष 2047 में भारत’ पर व्यापक रूप से विचार विमर्श किया गया।
सुमन बैरी ने कहा कि अगला वर्ष 2023 भारत के लिए महत्वपूर्ण होगा। इस वर्ष भारत में जी-20 सम्मेलन का आयोजन भारत की अध्यक्षता में होगा। उन्होंने कहा कि बैठक में जी -20 सम्मेलन में राज्यों के योगदान पर चर्चा की गयी। उन्होंने बताया कि नयी शिक्षा नीति के क्रियान्वयन पर सभी राज्यों ने सहमति जताई है।
बैठक में केंद्र और राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों के बीच संघवाद की भावना के अनुरूप माहौल बनाने, अमृत काल में देश की विकास यात्रा में चुनौतियों की पहचान करने एवं उनका समाधान तलाशने पर जोर दिया गया। बैठक के एजेंडे में तिलहन और दालों में आत्मनिर्भर बनना भी शामिल रहा।
बैठक में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी तथा अन्य राज्यों के मुख्यमंत्री तथा केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासक शामिल हुए। तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बैठक में भाग नहीं लिया। बैठक में केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, अमित शाह, नितिन गडकरी, निर्मला सीतारमण और एस. जयशंकर भी उपस्थित रहे।
परमेश्वरण अय्यर ने बताया कि बैठक के दौरान सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासकों ने अपने अपने क्षेत्र के सर्वोत्तम कार्यों और प्रक्रिया की जानकारी दी। शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने नई शिक्षा नीति, केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने निर्यात तथा विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने -जी 20 सम्मेलन की राज्यों के लिए उपयोगिता पर प्रस्तुति दी।
जुलाई 2019 के बाद से शासी परिषद की यह पहली बैठक है।