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वर्ष 2047 तक भारत विश्वगुरू बन जाएगा: उपराष्ट्रपति जगदीप  धनखड

अजमेर, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड ने कहा है कि मेरे मन में कोई शंका नहीं है जब वर्ष 2047 तक भारत (टॉप ऑफ द वर्ल्ड) होकर विश्वगुरु बन जाएगा।

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ आज अजमेर में मार्बल सिटी किशनगढ़ स्थित मार्बल एसोसिएशन की ओर से आयोजित .. ह्रदयाभिनंदन समारोह.. को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आज विश्व में ऐसा कोई काम नहीं जो भारत देश नहीं कर सकता हो। एक से एक निर्माण और विकास के काम यहां देखने को मिल रहे है। देश में आए अप्रत्याशित बदलाव और उपलब्धि की बदौलत भारत पांचवी आर्थिक महाशक्ति के रूप में उभरा है। उन्होंने उपस्थित जन समूह का आह्वान किया कि भारत को सर्वप्रिय रखिए और भारतीय होने का गर्व करिए। साथ ही देश के कच्चे माल को बाहर नहीं जाने दीजिए जो कि देश के विकास के लिए जरुरी है। देश के हर नागरिक को आर्थिक दृष्टि के राष्ट्रवाद को मन में डाले रखना होगा।

उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि कुछ लोग राजनीति करते है तो कुछ लोगों का हाजमा भारत की उपलब्धियों से खराब हो रहा है। वे राजनीति चाहें जैसी करें लेकिन देशहित को सर्वाेपरि रखें। उन्होंने कहा कि वन नेशन ..वन इलेक्शन पर सभी के अलग अलग मत हो सकते है लेकिन सदन में चर्चा ही नहीं करना प्रजातांत्रिक व्यवस्था नहीं है। सदन डायलॉग एवं डिसकशन के लिए होता है डिस्टरबेंस के लिए नही और जब ऐसी मानसिकता वाले हावी होते है तो आवश्यकता इस बात की हो जाती है कि आम आदमी अपनी चुप्पी तोड़कर मत व्यक्त करें वरना आपकी चुप्पी आने वाले पीढ़ी के लिए घातक सिद्ध हो सकती है।

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने किशनगढ़ विधायक के नाते अपने दिनों को याद करते हुए कहा कि भले मेरा जन्म गांव में हुआ हो, सैनिक स्कूल में पढ़ा हूं लेकिन राजनीति की पाठशाला उन्हें किशनगढ़ से ही मिली है। उन्होंने कहा कि किशनगढ़ से मेरा सदैव लगाव रहा है और मैं यहां का ऋणी हूं। उन्होंने कहा कि जब वे विधायक थे तो मार्बल नगरी विकसित होने की ओर अग्रसर थी और आज यहाँ की मार्बल मंडी एशिया की सबसे बड़ी मंडी है यह जानकर बेहद खुशी है। उन्होंने मार्बल व्यवसायी अशोक पाटनी में चुंबकीय ताकत बताते हुए कहा कि उनकी बदौलत हजारों मार्बल गैंगसा स्थापित हो चुकी है।

इससे पहले उद्योगपति अशोक पाटनी ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का स्वागत करते हुए कहा कि मार्बल नगरी के विकास में एक जनप्रतिनिधि के रूप में उनका बड़ा योगदान है। उन्होंने धनखड़ को अवगत कराया कि किशनगढ़ में खनन का काम नहीं किया जाता और पर्यावरण का भी पूरा ध्यान रखा जाता है। विदेशी आभा मंडल से सुसज्जित डंपिग यार्ड के बारे में भी धनकड़ को जानकारी दी गई। मार्बल एसोसिएशन परिसर पहुंचने पर धनकड़ ने यहां पौधारोपण भी किया।