वाराणसी , प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को अपराह्न 2.15 बजे अपने संसदीय क्षेत्र उत्तर प्रदेश के वाराणसी जंक्शन के(कैंट) से आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित वाराणसी-नयी दिल्ली वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को हरी झंडी दिखा कर रवाना किया।
गौरतलब है कि तीर्थ नगरी वाराणसी से राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के बीच चलने वाली यह दूसरी वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन है। इसके साथ ही देश के विभिन्न रेल मार्गों पर चलने वाली वंदेभारत एक्सप्रेस ट्रेनों की संख्या 35 हो हो गयी है। इससे पहले श्री मोदी ने 15 फरवरी, 2019 को वाराणसी से नयी दिल्ली के बीच चलने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को हरी झंडी दिखाई थी, जो देश में संचालित होने वाली पहली वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन थी। तब से लेकर तब तक देश के विभिन्न रेल मार्गों पर कुल 34 जोड़ी वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन चल रही है।
उत्तर रेलवे के मुताबिक यह ट्रेन मंगलवार को छोड़कर सप्ताह में अन्य छह दिन चलेगी। रेलवे की ओर से दी गयी जानकारी के अनुसार ट्रेन संख्या 22415 वाराणसी-नयी दिल्ली वंदे भारत एक्सप्रसे ट्रेन सुबह छह बजे वाराणसी से रवाना होगी और प्रयागराज, कानपुर, चिपियाना होते हुए अपराह्न 02.05 नयी दिल्ली पहुंचेगी। वहीं गाड़ी संख्या 22416 नयी दिल्ली-वाराणसी वंदे भारत एक्सप्रेस अपराह्न तीन बजे नयी दिल्ली से रवाना होगी और रात में 11.05 बजे वाराणसी पहुंचेगी। सरकार की इस पहल से यात्रियों के समय में बचत होने के साथ ही इस क्षेत्र की आर्थिक, सांस्कृतिक और औद्योगिक विकास को गति मिलेगी।
प्रधानमंत्री ने इस मौके पर रेल दावा अधिकरण के नवनिर्मित भवन को उद्घाटन किया। साथ ही साथ ही वे जौनपुर से जौनपुर सिटी के मध्य रेलवे कॉर्ड का भी लोकार्पण किया।
यह ट्रेन पूरी तरह से स्वदेशी है और यह बुलेट की गति सी चलती है। बहुत कम समय में ही इसकी रफ्तार 160 किलोमीटर से प्रति घंटे से 200 किलोमीटर प्रति घंटे की हो जाती है। इसकी बनावट भी बुलेट जैसा है। यह ट्रेन यात्रियों के लिए जितना अघिर सुविधाजनक है, उतनी ही ज्यादा खूबसूरत भी है। इस ट्रेन में यात्रियों की छोटी से छोटी हर जरूरतों का ध्यान रखा गया है। वन्देभारत एक्सप्रेस ट्रेन में कई जगहों पर समय के अनुसार यात्रियों खाना और नाश्ता भी दिया जाता है। वन्देभारत ट्रेन का निर्माण चेन्नई की इंटीग्रल कोच फैक्ट्री में तैयार किया जाता है और इस एक ट्रेन बनाने में रेलवे को लगभग 100 करोड़ रुपये खर्च करने पड़ते हैं। .
उल्लेखनीय है कि भारत की ट्रेनों में इंजन का एक अलग से कोच होता है, लेकिन वन्देभारत एक्सप्रेस ट्रेन में एकीकृत इंजन होता है। यह ट्रेन 100 किलोमीटर की रफ्तार महज 52 सेकेंड में पकड़ लेती है। इस ट्रेन में ऑटोमेटिक दरवाजे लगे हैं, जो मेट्रो के जैसे ही ऑटोमेटिक खुलते हैं। इसके अलावा यह ट्रेन कई आधुनिक सुविधाओं से ट्रेन लैस है। वंदेभारत की स्टिंग चेयर्स है 360 डिग्री घूम जाती हैं। इस ट्रेन में भोजन और नाश्ता भी परोसा जाता है. जिसकी कीमत टिकट में ही शामिल होती है। यात्रियों की सुविधा के मद्देनजर इस ट्रेन को पूरी तरह से ऑनबोर्ड वाईफाई की सुविधा से लैस किया गया है। साथ ही हर सीट के नीचे मोबाइल और लैपटॉप चार्ज करने के लिए चार्जिंग प्वाइंट्स दिए गए हैं।
वन्देभारत एक्सप्रेस में जीपीएस प्रणाली लगी है, जिसके माध्यम से आने वाले स्टेशन और अन्य सूचनाओं की जानकारी मिलती रहती है। स्वच्छता को ध्यान में रखते हुए इस ट्रेन में विमान की तरह बायो वैक्यूम शौचालय का निर्माण किया गया है।
यात्रियों को ट्रेन से बाहर का नजारा अच्छे से दिखाई दे, इसके लिए इसमें बड़े से शीशें लगाए गए हैं।
यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए हर डिब्बे में सीसीटीवी लगाए गए हैं। यात्रियों की सेफ्टी को ध्यान में रखते हुए जब ट्रेन पूरी तरह से रूक जाती है, तब ही दरवाजे खुलते हैं, ताकि यात्री चलती ट्रेन में न ही चढ़ें और न ही उतरें।
वन्देभारत एक्सप्रेस ट्रेन के निर्माण में दिव्यागों की सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा गया है। इस ट्रेन के कुछ डिब्बों में व्हीलचेयर रखने के लिए अलग से स्थान बनाया गया है।