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वाल्मीकि समाज ने मांगा 50 प्रतिशत अलग आरक्षण

 

लखनऊ,  हरियाणा व पंजाब की तरह वाल्मीकि समाज ने उत्तर प्रदेश व अन्य राज्यों में भी 50 प्रतिशत अलग आरक्षण मांगा। अखिल भारतीय श्री वाल्मीकी नवयुवक संघ द्वारा आयोजित गोष्ठी में संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्याम लाल वाल्मीकि ने सरकार से वाल्मीकि समाज को आरक्षण देने की मांग की। इस दौरान संघ की पुनर्गठित शाखा की कार्यकारिणी के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष सुनील कुमार वाल्मीकी का पुष्पाहार कर स्वागत किया।

श्याम लाल वाल्मीकि ने कहा कि संघ के संस्थापक बद्री प्रसाद वाल्मीकि का सपना व एक मात्र लक्ष्य था कि शिक्षा का प्रचार प्रसार हो। इसलिए उन्होंने शिक्षा की नगरी इलाहाबाद में एक विद्यालय की स्थापना की लेकिन कहीं से सहारा न मिलने के कारण यह सपना अभी भी अधूरा है। उन्होंने पिछली सरकारों पर आरोप लगाते हुए कहा कि पिछले कुछ दशकों में शिक्षा की दिशा में बेईमानी के प्रयास हुए। उन्होंने कहा कि वाल्मीकि समाज पर अनुसूचित ज्याति से भी ज्याद अन्याय हुए हैं।

श्याम लाल ने हरियाणा और पंजाब की भांति वाल्मीकि समाज के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण की मांग करते हुए कहा कि इस समाज के छात्र-छात्राओं के लिए महर्षि वाल्मीकि के नाम से आश्रम पद्धति विद्यालय, बहुप्रतीक्षित राष्ट्रीय सफाई कर्मचार आयोग की सिफारिशों का लागू किया जाए। साथ ही, उप्र में सिर पर मैला ढो रहे हजारों सफाई कामचोरों को अपमानित पेशे से मुक्ति दिलाकर पांच-पांच लाख रुपये लिया और आरक्षण दिया।

साथ ही सर्वोच्च न्यायालय के आदेशानुसार दस लाख रुपया आर्थिक सहायता व नगर निगम व नजूल भूमि पर आवासित बस्तियों के निवासियों का मालिकाना हक दिया जाए। राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा सरकार इस समाज के लोगों को धर्म योद्धा कहती है। इसलिए हमें उम्मीद है कि उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार हमें सम्मान देकर आरक्षण लागू करेगी। जिससे शिक्षा के क्षेत्र में इस समाज के लोगों का विकास हो सके। उन्होंने वाल्मीकि समाज से अपील की कि अब झाड़ू छोड़ने व कलम पकड़ने का समय है। इसलिए लोग इस ओर ध्यान दें।