विकसित उत्तर प्रदेश-2047 को लेकर ‘क्यूआर कोड’ के जरिए लोगों से फीडबैक लेगी योगी सरकार

लखनऊ, उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार ने विकसित उत्तर प्रदेश-2047 के लिए सरकार के विज़न को लोगों तक पहुंचाने और कार्ययोजना पर उनके सुझाव प्राप्त करने के लिए एक क्यूआर कोड तैयार किया है जिसके माध्यम से जनता सरकार के प्रस्तावों के बारे में जान सकेगी और अपनी प्रतिक्रिया दे सकेगी।
इसके जरिए यूपी सरकार लगभग 500 सेवानिवृत्त नौकरशाहों, शिक्षकों, प्रोफेसरों और इंजीनियरों की एक टीम बनाने की प्रक्रिया में भी है जो पूरे उत्तर प्रदेश में लोगों को सरकार की योजनाओं से परिचित कराने और उनकी प्रतिक्रिया प्राप्त करने के लिए काम करेगी।
योजना विभाग के प्रमुख सचिव आलोक कुमार ने कहा कि क्यूआर कोड तैयार हो गया है और इसे सितंबर के पहले सप्ताह तक लॉन्च कर दिया जाएगा। नागरिकों के पास इसके माध्यम से अपने सुझाव भेजने के लिए लगभग एक महीने का समय होगा।
आलोक कुमार ने कहा कि, “हम एक पोर्टल लगभग तैयार कर चुके हैं जहां हम ये विवरण प्राप्त करेंगे और उनका संकलन करेंगे। हमारा उद्देश्य इस क्यूआर कोड को हर ब्लॉक और तहसील तक पहुंचाना और इस परियोजना में व्यापक जनभागीदारी सुनिश्चित करना है। क्यूआर कोड पर क्लिक करके कोई भी व्यक्ति पोर्टल पर लॉग इन कर सकेगा और देख सकेगा कि सरकार की प्रारंभिक योजनाएं क्या हैं। प्रस्तावित कार्यों को 12 शीर्षकों में विभाजित किया गया है और कोई भी व्यक्ति सुझाव आदि दे सकेगा।”
इसके अलावा, टीम के 500 सदस्यों की पहचान करने का काम भी शुरू हो गया है जो समाज के विभिन्न वर्गों के साथ संवाद करेंगे। टीम के गठन के बाद उनके लिए एक दिवसीय अभिविन्यास कार्यक्रम होगा जिसके बाद उन्हें ज़िले और शहर आवंटित किए जाएंगे।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस टीम में सेवानिवृत्त नौकरशाह, प्रोफेसर, शिक्षक, इंजीनियर आदि शामिल होंगे। उन्हें बैठकें करने के लिए दो दिन का समय दिया जाएगा जहां वे नागरिकों को सरकार की योजनाओं से अवगत कराएंगे क्यूआर कोड का प्रचार करेंगे और सुझाव मांगेंगे। यह टीम संघों, संस्थाओं, बुद्धिजीवियों और समाज के विभिन्न वर्गों से मुलाकात करेगी।
टीम के संभावित सदस्यों के साथ नियमित बैठकें हो रही हैं और हम उन्हें जल्द ही तैयार कर लेंगे। हमारा विचार है कि सितंबर के पहले सप्ताह तक जनता के साथ जुड़ने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाए और एक महीने के भीतर इसे पूरा कर लिया जाए ताकि सरकार जल्द से जल्द इन सुझावों पर काम शुरू कर सके।
अधिकारी ने कहा कि उन्होंने आगे कहा कि इन्हें विभागीय सुझावों के साथ जोड़ा जाएगा और अगले छह महीनों के भीतर एक कार्ययोजना तैयार हो जानी चाहिए।