मुंबई, दुनिया के प्रमुख केंद्रीय बैंकों के ब्याज दर में कटौती करने की उम्मीद में विश्व बाजार के सकारात्मक रुझान के बीच स्थानीय स्तर पर देश का आर्थिक विकास अनुमान बढ़ने और आरबीआई के वैकल्पिक निवेश फंड (एआईएफ) में ऋणदाताओं के निवेश नियमों में ढील दिए जाने के बाद वित्तीय स्थिति में तेजी आने की बदौलत हुई चौतरफा लिवाली से आज चालू वित्त वर्ष के अंतिम कारोबारी दिवस को शेयर बाजार गुलजार हो गया।
बीएसई का तीस शेयराें वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 655.04 अंक की छलांग लगाकर दो सप्ताह के उच्चतम स्तर 73,651.35 अंक पर बंद हुआ। इससे पूर्व यह 12 मार्च को 73667.96 अंक पर रहा था। साथ ही नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 203.25 अंक उछलकर 22,326.90 अंक हो गया। इसी तरह बीएसई का मिडकैप 0.62 प्रतिशत चढ़कर 39,322.12 अंक और स्मॉलकैप 0.33 प्रतिशत मजबूत होकर 43,166.34 अंक पर रहा।
इस दौरान बीएसई में कुल 3938 कंपनियों के शेयरों में कारोबार हुआ, जिनमें से 1802 में लिवाली जबकि 2024 में बिकवाली हुई वहीं 112 में कोई बदलाव नहीं हुआ। इसी तरह निफ्टी की 45 कंपनियां हरे जबकि शेष पांच लाल निशान पर बंद हुई।
विश्लेषकों के अनुसार, रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बुधवार को दिसंबर में लाए गए मानदंडों में ढील दी, जिसके तहत अनिवार्य ऋणदाता यदि वैकल्पिक निवेश फंडों में खरीददारी करते हैं तो उन्हें उच्च प्रावधानों को अलग रखना होगा। नियमों में ढील दिये जाने से वित्तीय स्थिति में तेजी आई और बाजार ने ऊंची छलांग लगाई। साथ ही वित्तीय सलाह देने वाली एसएंडपी ग्लोबल के बाद अब मॉर्गन स्टेनली ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर अनुमान को बढ़ाकर 6.8 प्रतिशत कर दिया, जिससे बाजार में निवेशकों का निवेश प्रवाह बढ़ा।
इससे बीएसई के सभी 20 समूहों में जमकर लिवाली हुई। इस दौरान कमोडिटीज 0.95, सीडी 0.94, ऊर्जा 0.57, एफएमसीजी 0.64, वित्तीय सेवाएं 0.95, हेल्थकेयर 1.18, इंडस्ट्रियल्स 1.12, आईटी 0.55, दूरसंचार 0.64, यूटिलिटीज 1.29, ऑटो 1.19, बैंकिंग 0.82, कैपिटल गुड्स 1.54, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स 1.00, धातु 1.11, तेल एवं गैस 0.85, पावर 1.69, रियल्टी 0.52, टेक 0.63 और सर्विसेज समूह के शेयर 0.53 प्रतिशत मजबूत रहे।
अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर तेजी का रुख रहा। इस दौरान ब्रिटेन का एफटीएसई 0.34, जर्मनी का डैक्स 0.13, हांगकांग का हैंगसेंग 0.91 और चीन का शंघाई कंपोजिट 0.59 प्रतिशत उछल गया। हालांकि जापान के निक्केई में 1.46 प्रतिशत की गिरावट रही।