विदेशी आक्रांताओं के खिलाफ एक भी शब्द नहीं बोलती थी कांग्रेस-सपाः मुख्यमंत्री योगी

बहराइच,  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को कहा कि मुस्लिम वोट बैंक के कारण समाजवादी पार्टी (सपा) और कांग्रेस के नेता विदेशी आक्रांताओं के खिलाफ एक भी शब्द नहीं बोलते थे।

कांग्रेस, सपा व अन्य दलों पर निशाना साधते हुए उन्होने सवालिया अंदाज में कहा “ सपा कांग्रेस के लोगों ने क्या किया। महाराजा सुहेलदेव समेत अन्य महापुरुषों को पहले क्यों सम्मान नहीं मिल पाया। इनके नाम पर भव्य स्मारक, मेडिकल कॉलेज, विश्वविद्यालय पहले क्यों नहीं बना, क्योंकि उन्हें वोटबैंक की चिंता थी। महापुरुषों का नाम रखने पर तुष्टिकरण की नीति फेल न हो जाए। जब भाजपा देश-प्रदेश में लौहपुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती मना रही थी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के नाम पर सरदार पटेल की सबसे बड़ी प्रतिमा केवड़िया गुजरात में स्थापित कराई, तब सपा राष्ट्रतोड़क जिन्ना का गुणगान कर रही थी। जब हम लोग महाराजा सुहेलदेव के विजयोत्सव को मनाने की बात करते थे, तब सपा व कांग्रेस में होड़ लगती थी कि गाजी मियां का विवाह होना चाहिए। हमने कहा कि विदेशी आक्रांताओं का महिमामंडन बंद और राष्ट्रनायकों का सम्मान होना चाहिए।”

मुख्यमंत्री ने मंगलवार को चित्तौरा ब्लॉक के मसीहाबाद ग्रामसभा में महाराजा सुहेलदेव के विजयोत्सव कार्यक्रम में शिरकत की। उन्होने 40 करोड़ से बने महाराजा सुहेलदेव स्मारक का उद्घाटन और महाराजा सुहेलदेव की कांस्य की 40 फिट ऊंची प्रतिमा का अनावरण किया। मुख्यमंत्री ने 1243 करोड़ की 384 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण-शिलान्यास भी किया।

उन्होने यहां ‘एक पेड़ मां के नाम’ के तहत पौधरोपण भी किया। गाजी के नाम पर होने वाले आयोजनों को इस बार से पूरी तरह से बंद कराने वालों को सीएम ने धन्यवाद दिया। उन्होने जयंती पर महाराजा बलभद्र सिंह को भी याद किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि एक हजार वर्ष पहले महाराजा सुहेलदेव ने विदेशी आक्रांताओं को जवाब देने की मिसाल प्रस्तुत की थी, लेकिन इतिहास में उन्हें जो सम्मान मिलना चाहिए था, वह नहीं मिला। पीएम मोदी के विकास व विरासत के अभियान को बढ़ाते हुए भाजपा की डबल इंजन सरकार ने उन्हें सम्मान देने का संकल्प लिया था।

इसी क्रम में बहराइच के मेडिकल कॉलेज का नाम महाराजा सुहेलदेव, हॉस्पिटल का नाम बालार्क ऋषि और आजमगढ़ के राज्य विवि का नामकरण भी महाराजा सुहेलदेव के नाम पर रखा गया है। यह कार्यक्रम महापुरुषों के प्रति सम्मान की अभिव्यक्ति है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बहराइच का मुख्य आयोजन महाराजा सुहेलदेव, बालार्क ऋषि और इस मंडल का मुख्य आयोजन मां पाटेश्वरी के नाम पर होगा। किसी विदेशी आक्रांता के नाम पर नहीं।

उन्होने कहा कि गजनी से विदेशी आक्रांता तीन लाख की सेना को लेकर भारत को लूटने चला था, लेकिन महाराजा सुहेलदेव ने अपनी कूटनीति से मथुरा से लेकर बहराइच तक पग-पग पर उसके लिए बाधाएं खड़ी कीं। यहां पहुंचते-पहुंचते उसकी आधी सेना समाप्त हो चुकी थी। चित्तौरा में महाराजा सुहेलदेव के साथ 20-25 हजार वीर बांकुरों ने सालार मसूद के डेढ़ लाख आक्रांताओं को गाजर-मूली की तरह काटा। सालार मसूद को यहां जिंदा पकड़ लिया गया। उसे ऐसी सजा हुई, जो इस्लाम के अनुसार जहन्नुम में जाने की गारंटी देता है।

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