विधानसभा घेरने के लिये पार्टी दफ्तर में जुटे हजारों कांग्रेसी

लखनऊ, जन सरोकार के मुद्दों पर योगी सरकार के विफल रहने का आरोप लगाते हुये उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हजारों कांग्रेस नेता एवं कार्यकर्ता विधानसभा को घेरने के इरादे से एकत्र हुये लेकिन पुलिस के चाक चौबंद इंतजामों के बीच उन्हे बाहर निकलने की इजाजत नहीं दी गयी।
कांग्रेस के विधानसभा के घेराव के ऐलान के बाद जिला प्रशासन ने कांग्रेस नेताओं को नोटिस दी थी और लखनऊ एवं अन्य जिलों में बड़ी संख्या में कांग्रेस नेताओं को नजरबंद कर दिया गया था, इसके बावजूद हजारों की संख्या में कांग्रेसी आज सुबह पार्टी के प्रदेश दफ्तर में एकत्र हो गये। इनमें पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय,महासचिव अविनाश पांडे समेत कई नेता शामिल थे।
दफ्तर के बाहर सुबह से ही बड़ी संख्या में पुलिस और रैपिड एक्शन फोर्स के जवानो को तैनात कर दिया गया था। कांग्रेस पार्टी दफ्तर मार्ग पर डबल लेयर्ड बैरीकेडिंग लगायी गयी। नाकाबंदी मज़बूत करने के लिए बैरीकेडिंग के साथ सड़कों पर गड्ढा कर बल्लियां लगाई गई।
कांग्रेस नेताओं को नजरबंद करने पर कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा मोना ने विधानसभा में इस मुद्दे को उठाने का प्रयास किया मगर विधानसभा अध्यक्ष ने इस मामले में चर्चा की अनुमति नहीं दी। उनका कहना था कि कानून व्यवस्था बनाये रखने की जिम्मेदारी प्रशासन की है और इसका विधानसभा की कार्यवाही से कोई सरोकार नहीं है।
उधर कांग्रेस कार्यालय पर मौजूद पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि योगी सरकार लूट, भ्रष्टाचार के आकंठ में डूबी है। प्रदेश में कानून-व्यवस्था को ध्वस्त है। जिस तरह से लोकतंत्र की हत्या करने की कोशिश की जा रही है और ये राजनीतिक लोगों को रोकने की कोशिश कर रहे हैं मैं समझता हूं कि ये सरकार डरी हुई सरकार है।
यूपी विधानसभा में ‘घेराव’ के कांग्रेस के आह्वान पर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने कहा कि उनके पास कोई काम नहीं है इसलिए यही काम वे दिल्ली में कर रहे हैं और यही काम वो यहां कर रहे हैं। विधानसभा में उनको अपनी बात रखने का पूरा मौका दिया जाता है लेकिन वे कोई चीज संवाद से हल नहीं करना चाहते हैं बल्कि हल्ला मचाना चाहते हैं।
अविनाश पांडे ने कहा कि कायर और डरी हुई योगी सरकार हमें जन सरोकारों के मुद्दों को उठाने से रोक नहीं सकती। सरकार हमे अपने लोकतांत्रिक अधिकार से नहीं रोक सकती है।
फिलहाल कांग्रेस दफ्तर और आसपास पुलिस के सख्त पहरे के बीच पुलिस और कांग्रेसियों के बीच हल्की नोकझाेंक का दौर जारी है।