लखनऊ, उत्तर प्रदेश विधान परिषद की दो सीटों पर सोमवार को हुये उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवारों ने विजय पताका फहरायी है।
भाजपा उम्मीदवार पद्मसेन चौधरी और मानवेंद्र सिंह ने समाजवादी पार्टी (सपा) उम्मीदवारो के खिलाफ जीत दर्ज की। उपचुनाव में सात विधायकों ने मतदान नहीं किया। इनमें सपा के तीन, कांग्रेस के दो, सुभासपा और बसपा के एक-एक विधायकों ने मतदान नहीं किया।
विधान परिषद उपचुनाव में कुल 396 वोट पड़े। एक वोट अवैध घोषित किया गया। इसमें से भाजपा के मानवेंद्र सिंह को 280 और पद्मसेन चौधरी को 279 वोट मिले। वहीं समाजवादी पार्टी के रामकरण निर्मल को महज 116 और रामजतन राजभर को 115 वोट ही मिले।
उत्तर प्रदेश के 403 में से 396 विधायकों ने वोट दिया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सुबह लगभग नौ बजे विधान भवन प्रांगण में पहुंचकर मतदान किया। वहीं सपा विधायक रमाकांत यादव, इरफ़ान सोलंकी, मनोज पारस, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के विधायक अब्बास अंसारी, कांग्रेस के विधायक अनुराधा मिश्रा ‘मोना’, फरेंदा के विधायक वीरेंद्र चौधरी, बसपा के एकमात्र विधायक उमाशंकर सिंह ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया।
उल्लेखनीय है कि लक्ष्मण आचार्य के सिक्किम के राज्यपाल बनने और बनवारी लाल दोहरे के निधन से रिक्त हुई विधान परिषद की दोनों सीट पर उपचुनाव हुआ। लक्ष्मण आचार्य का कार्यकाल 2027 व बनवारी लाल का कार्यकाल 2028 तक था। दोनों सीटें फिर से भाजपा की झोली में आई। नवनिर्वाचित सदस्य भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्य पद पर हुए उपचुनाव में डबल इंजन सरकार के प्रत्याशी पद्मसेन चौधरी व मानवेन्द्र सिंह को जीत की हार्दिक बधाई दी औऱ उज्ज्वल कार्यकाल की मंगलकामना की।