नई दिल्ली, चुनाव में कालाधन के इस्तेमाल पर लगाम लगाने की पहल के तहत चुनाव आयोग ने विधान परिषद चुनाव में उम्मीदवारों के खर्च की सीमा तय करने का प्रस्ताव किया है। हालांकि, सरकार ने कहा है कि खर्च की सीमा तय करने के संबंध में कानून में संशोधन करने से पहले राजनीतिक दलों और विधानसभा परिषद वाले सात राज्यों से विचार विमर्श किया जाना चाहिए। अभी विधान परिषद का चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों के खर्च की कोई सीमा नहीं है।
उल्लेखनीय है कि जम्मू कश्मीर, आंध्र प्रदेश, बिहार, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक और तेलंगाना में विधान परिषद हैं। चुनाव आयोग ने हाल में विधि मंत्रालय से कहा कि चुनाव खर्च का लेखाजोखा रखने और दर्ज कराने का प्रावधान विधान परिषद चुनाव स्थानीय प्राधिकार, स्नातक, शिक्षक क्षेत्रों तक लागू होंगे। इसमें कहा गया है कि इन श्रेणी के चुनाव का खर्च इन राज्यों में विधानसभा चुनाव की सीमा का आधा किया जा सकता है। अभी बिहार, आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और कर्नाटक में विधानसभा चुनाव में उम्मीदवारों के खर्च की सीमा 28 लाख रूपये है। इसका अर्थ हुआ कि अगर जन प्रतिनिधित्व कानून में संशोधन किया जाता है तो इन राज्यों में विधान परिषद चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों के खर्च की सीमा 14 लाख रूपये हो सकती है।