लखनऊ, उत्तर प्रदेश विधान सभा की नव गठित संसदीय अनुश्रवण समिति विधायकों के प्रोटोकाल उल्लंघन पर विचार करेगी। विधान सभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने नव गठित संसदीय अनुश्रवण समिति का उद्घाटन किया। विधान सभा में यह एक नई समिति गठित हुई है। इस समिति का गठन पिछले साल 29 अगस्तए 2018 को किया गया था इसी का उद्घाटन हुआ।
इस अवसर पर श्री दीक्षित ने कहा कि विधान सभा के सदस्यों की यह बराबर शिकायत रहती रही है कि विधान सभा में विभिन्न सूचनाओं से उत्तर संतोषजनक प्राप्त नहीं होते रहे है। इस समस्या के निराकरण के लिए नियम समिति द्वारा विचार किया गया थाा। नियम समिति ने विचारोपरान्त संसदीय अनुश्रवण समिति के गठन का प्रस्ताव पारित किया गया। सदन द्वारा सर्वसम्मति स्वीकृति दी गयी।
उन्होंने कहा कि विधान सभा की प्रक्रिया का कार्य संचालन की नियमावली 1958 के तहत नियम.301ए 51 एवं अन्य सदस्य सूचनाएँ सदन में प्रस्तुत की जाती है। इनके विषय में यदि सदस्य विधान सभा शासन द्वारा सदन में प्रस्तुत किए गए उत्तर से संतुष्ट न हो या शासन द्वारा उत्तर संतोषजनक प्रस्तुत न हो। ऐसे प्रकरण संसदीय अनुश्रवण समिति को सन्दर्भित किए जा सकेंगे। दीक्षित ने यह भी बताया कि विधायकों के प्रोटोकाल के उल्लंघन से सम्बन्धित प्रकरण भी संसदीय अनुश्रवण समिति के विचारार्थ लिए जायेंगे।
उन्होंने कहा की संसदीय समितियाँ नौकरशाही पर नियंत्रण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। नई परिस्थितियों में लोकतांत्रिक व्यवस्था के तहत नई चुनौतियाँ आई है। सदन में बहुत जिज्ञासुए प्रबुद्व एवं संसदीय व्यवस्था में अपना योगदान देने के लिए सदैव आतुर सदस्य चुनकर आए है। नव गठित समिति में मिल बैठकर विधायकों के उठाए गए प्रश्नों का सुन्दर समाधान खोजने का प्रयास यह समिति करेगी। उन्होंने कहा देश के सबसे बड़ी विधान सभा में विधायकों की विधायी समस्याओं का हल खोजने का अभिनव प्रयोग है। इस समिति से सरकार को भी फायदा होगा।
विधान सभा अध्यक्ष ने सदस्यों से कहा कि संसदीय समितियों में अधिकारीगण विचार.विमर्श के लिए आते है।
संसदीय लोकतंत्र में विधायकों और अधिकारियों का लक्ष्य एक ही होता है कि जन समस्याओं का निराकरण हो। समितियों में प्रश्न प्रति प्रश्न अवश्य हो। विधायकों की शंकाओं का समाधान होए लेकिन समितियों में अधिकारियों के प्रोटोकाल को भी बनाए रखा जाए। इस अवसर पर समिति की बैठक में लाल जी वर्माए नितिन अग्रवालए राजीव कुमार सिंहए राघवेन्द्र प्रताप सिंहए सुरेश तिवारीए श्रीमती संगीता यादव आदि विधायकों ने विचार.विमर्श में हिस्सा लिया। सदस्यों ने यह विश्वास दिलाया की अध्यक्ष के मार्गदर्शन में समिति के कार्य संचालन में अपना योगदान देंगे। उनका यह प्रयास होगा कि यह समिति अन्य विधायिकाओं के लिए अनुकरणीय बन सकें। बैठक में उत्तर प्रदेश विधान सभा के प्रमुख सचिवए प्रदीप कुमार दुबे एवं अन्य अधिकारियों ने भी भाग लिया।