नई दिल्ली, सुप्रीम कोर्ट ने पटना हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने के लिए आरजेडी विधायक रवींद्र सिंह पर 10 लाख रुपए का जुर्माना लगाया। पटना हाईकोर्ट ने अपने आदेश में सिंह की उस अर्जी को खारिज कर दिया था, जिसमें उन्होंने वर्ष 1994 में एक स्थानीय भाषा की एक पत्रिका में प्रकाशित एक लेख की सच्चाई पर सवाल उठाया था। सुप्रीम कोर्ट ने विधायक की खिंचाई करते हुए कहा कि जनप्रतिनिधि होते हुए उन्हें सतही केस दायर करके न्यायिक समय बर्बाद करते हुए पाया गया है।
प्रधान न्यायाधीश जेएस खेहर के नेतृत्व वाली पीठ ने कहा वह यह समझने में असफल रही कि किस कारण से सिंह ने 23 वर्ष पहले प्रकाशित एक लेख के संबंध में वर्ष 2015 में हाईकोर्ट में पहले याचिका दायर की थी। आमतौर पर अदालत मामले को स्वीकार करने से इनकार के बाद सूचीबद्ध नहीं करती, लेकिन वर्तमान मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह मामले पर 4 सप्ताह के बाद सुनवाई करेगा। अगर विधायक आज उन पर लगाए गए जुर्माने को जमा कराने में असफल रहते हैं।
विधायक के वकील अमरेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि राशि अधिक है, पीठ ने कहा कि राशि अधिक होनी चाहिए क्योंकि जनप्रतिनिधि गैर माफी योग्य गतिविधि से लिप्त हुए जिससे न्यायिक समय बर्बाद हुआ। बिहार के जहानाबाद जिले के अरवल विधानसभा सीट से विधायक सिंह ने 6 दिसंबर, 2016 को पारित हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी थी जिसमें उसने उनकी अर्जी खारिज कर दी थी।