विपक्ष के नेता के रूप में एक साल में शिद्दत से उठाए हैं जनता के मुद्दे : राहुल गांधी

नयी दिल्ली, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने लोकसभा में विपक्ष के नेता के तौर पर अपने एक साल के कार्यकाल को यादगार बताते हुए कहा है कि इस दौरान उन्होंने संसद में जनता के मुद्दे शिद्दत के साथ उठाए और लोगों को निडर होकर हक की बात करने के लिए उत्साहित करने के साथ ही संविधान की रक्षा के लिए अपनी लड़ाई को मजबूती से लड़ा है।
राहुल गांधी ने सोशल मीडिया पर बुधवार को एक पोस्ट में कहा “लोकसभा में नेता विपक्ष के रूप में एक वर्ष पूरा करने पर, मैं पूरे साल की यादों, अनुभवों और संविधान की रक्षा के लिए अपनी लड़ाई को आपके साथ साझा कर रहा हूं। संसदीय भाषणों में, भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए मेरे विज़न और 2024 लोकसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन की जीत के पीछे के कारकों, मणिपुर वासियों से लेकर किसानों तक, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं से दलित युवाओं तक -देशभर के लोगों के साथ मेरी मुलाकातों का विवरण साझा कर रहा हूं। मोहब्बत और सच्चाई के रास्ते पर आपके साथ हूं।”
विपक्ष के नेता के रूप में अपने सालभर के कार्यक्रमों का विवरण देते हुए कहा कि इस अवधि में 115 से ज्यादा जनसंवाद कर संसद में 16 भाषण दिये और 35 से ज्यादा आधिकारिक कार्यक्रमों में हिस्सा लिया। उन्होंने 60 से ज्यादा जनसभाएं की और 16 बार प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित किया है। संसद से सड़क तक जनता की आवाज को बुलंद किया है और विशेष रूप से देश की 90 प्रतिशत आवादी को प्रभावित करने वाले मुद्दे उठाए हैं।
कांग्रेस पार्टी ने राहुल गांधी के किये कार्यों को एक न्यूजलेटर के जरिए प्रेस से साझा करते हुए कहा कि इस दौरान देश की अर्थव्यवस्था और भागीदारी के लिए उन्होंने एक नया विजन पेश किया है। पार्टी ने कहा कि उन्होंने उत्पादन और टेक्नालॉजी पर देश की अर्थव्यवस्था के विकास के लिए अपने विजन को सामने रखा है और विकास के मॉडल को समृद्धि और भागीदारी पर केंद्रित कर उत्पादन प्रणाली में वंचित समुदाय की भूमिका बढ़ाने पर जोर दिया है।
राहुल गांधी ने इसके साथ ही आपरेशन सिंदूर और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के बयान, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के मानदेय के मुद्दे उठाने, मणिपुर में शांति स्थापित करने, श्रमिक अधिकारों को महत्व देने, नशे के खिलाफ आवाज बुलंद करने और संसद में किसानों की आवाज उठाने सहित कई मुद्दों को उठाया है।