नयी दिल्ली, डायरेक्ट सेलिंग कम्पनी ओरिफ्लेम इंडिया के कार्पोरेट मामलों के निदेशक(एशिया) विवेक कटोच को भारत में डायरेक्ट सेलिंग उद्योग की शीर्ष संस्था इंडियन डायरेक्ट सेलिंग एसोसिएशन (आईडीएसए) का नया अध्यक्ष चुना गया है।
श्री कटोच दूसरी बार इस प्रतिष्ठित पद के लिये चुने गये हैं। वह वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ डायरेक्ट सेलिंग एसोसिएशन्स (डब्ल्यूएफडीएसए) में भी बतौर सदस्य भारतीय डायरेक्ट सेलिंग उद्योग का प्रतिनिधित्व करते हैं।
आईडीएसए की नयी कार्यकारिणी का चुनाव गुरुवार को यहां हुई 27वीं वार्षिक आम बैठक में हुआ जिसमें हर्बललाइफ इंटरनेशनल के निदेशक एवं सरकारी सम्पर्क प्रमुख हरीश पंत को उपाध्यक्ष, मोदीकेयर लिमिटेड में ग्रोथ प्रमुख अपराजिता सरकार को सचिव और एमवे इंडिया के कार्पोरेट मामलों के उपाध्यक्ष रजत बनर्जी को कोषाध्यक्ष पद के लिये चुना गया है। श्री पंत, उपाध्यक्ष पद के लिये चुने जाने से पूर्व आईडीएसए के कोषाध्यक्ष पद पर थे। आईडीएसए की नयी कार्यकारिणी का कार्यकाल दो वर्ष का होगा।
आईडीएसए के अध्यक्ष पद का कार्यभार सम्भालने के अवसर पर श्री कटोच ने कहा , “ देश में डायरेक्ट सेलिंग कारोबार सतत गति से आगे बढ़ रहा है। यह उद्योग देश की अर्थव्यवस्था में अपना अहम योगदान करने के साथ लगभग 90 लाख लोगों को पूर्णकालिक अथवा अंशकालिक तौर पर आजीविका प्रदान करने, चैकल्पिक आय के संसाधन का माध्यम भी साबित हुआ है। अब यह उद्योग देश के ग्रामीण हिस्सों में भी प्रसार कर रहा है और हम इसे देश के कोने कोने तक ले जाने के लिये प्रतिबद्ध हैं। ”
उन्होंने कहा , “ उपभोक्ता संरक्षण हमारे लिए सर्वोपरि है। डायरेक्ट सेलिंग को उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम-2019 के दायरे में लाने तथा इसके उपरांत इस उद्योग के लिये उपभोक्ता संरक्षण (डायरेक्ट सेलिंग) नियम-2021 के अधिसूचित होने जैसे नियामक आवरण से इसमें न केवल पारदर्शता आई है बल्कि इसे नीतिगत मामलों पर भी और अधिक स्पष्टता मिली है। हम विशेष रूप से खाद्य, उपभोक्ता मामले और सार्वजनिक वितरण की संसदीय स्थायी समिति की अध्यक्ष लॉकेट चटर्जी और उपभोक्ता मामले विभाग के सचिव रोहित कुमार का इस उद्योग की चिंताओं को समझने और डायरेक्ट सैलिंग नियमों में वांछित संशोधन करने के लिए आभार व्यक्त करते हैं।
आईडीएसए के निवर्तमान अध्यक्ष रजत बनर्जी ने कहा, “ उनके कार्यकाल के दौरान अनेक उपलब्धियां और काम आईडीएसए के नाम रहे। इनमें से एक, प्रत्यक्ष विक्रेताओं और प्रत्यक्ष बिक्री संस्थाओं की गतिविधियों की निगरानी के लिए निगरानी तंत्र (मॉनिटरिंग मैकेनिज्म़) स्थापित करने के लिए राज्य सरकारों के लिए क्षमता निर्माण करना था। इस कड़ी में अभी तक नौ राज्य अपने यहां निगरानी तंत्र अधिसूचित कर चुके हैं जिनमें से पांच में आईडीएसए को इन समितियों में विषय विशेषज्ञ के रूप में शामिल किया है। मुझे उम्मीद है कि आईडीएसए की नयी कार्यकारिणी इस दिशा में अन्य राज्यों के साथ इन प्रयासों को आगे भी आगे बढ़ाएगी ताकि उपभोक्ताओं के अधिकारों की रक्षा के लिए एक मजबूत निगरानी तंत्र सुनिश्चित हो सके। ”