लखनऊ, बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने केन्द्र की वर्तमान भाजपा सरकार द्वारा देश की उच्च शिक्षण संस्थानों में आरएसएस के विभाजनकारी, जातिवादी व द्वेषपूर्ण एजेण्डे को थोपने की कोशिश करने की तीखी आलोचना करते हुए कहा कि केन्द्र की इसी प्रकार की अन्य और भी अनुचित दखलन्दाजी से विश्वविद्यालयों आदि का माहौल खराब होकर व वहां पढ़ने-पढ़ाने का असली माहौल प्रभावित हो रहा है।
एक बयान में मायावती ने कहा कि केन्द्र में भाजपा सरकार बनने के बाद पिछले दो वर्षों के दौरान देश की उच्च शिक्षण संस्थानों में केन्द्र सरकार की गलत दखलन्दाजी काफी ज्यादा बढ़ गयी है। भाजपा सरकार आरएसएस के अनुचित एजेण्डे को थोपने के क्रम में देश की उच्च शिक्षण संस्थानों का लगातार राजनीतिकरण कर रही है। इस कारण विश्वविद्यालयों में खासकर पढ़ने-पढ़ाने का माहौल प्रभावित हो रहा है और कैम्पस राजनीति अखाड़े में परिवर्तित होते जा रहे हैं। इसी के ही परिणामस्वरूप हैदराबाद विश्वविद्यालय और फिर जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय को गलत कारणों से बदनामी झेलनी पड़ी है और अब वैसा ही कुछ इलाहाबाद सेन्ट्रल यूनिवर्सिटी में देखने को मिल रहा है, जहां केन्द्रीय मानव संसाधन मंत्रालय की दखलन्दाजी लगातार बढ़ती जा रही है, जिस कारण वहां की स्थिति को सामान्य नहीं कहा जा सकता है। उन्होंने कहा कि देश के उच्च शिक्षण संस्थानों में केन्द्र की गलत दखलन्दाजी बन्द होनी चाहिये, परन्तु ऐसा लगता है कि उत्तर प्रदेश विधानसभा के आगामी आमचुनाव के मद्देनजर भाजपा व सपा दोनों आपस में मिलकर विश्वविद्यालयों में भी माहौल को खराब व साम्प्रदायिक करने पर तुले हुए हैं। विश्वविद्यालयों में सरकार की अनुचित दखलन्दाजी के साथ-साथ राजनीति भी बन्द होनी चाहिये। इसी क्रम में खासकर इलाहाबाद विश्वविद्यालय में जो कुछ वर्तमान में लगातार हो रहा है, बीएसपी उसकी कड़े शब्दों में निन्दा करती है। उन्होंने कहा कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय में स्थिति सामान्य नहीं है। वहां के हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं। वहां की वर्तमान परिस्थिति के समाधान के लिये केन्द्रीय मानव संसाधन मंत्रालय व उत्तर प्रदेश सपा सरकार को गम्भीर होकर काम करना चाहिये। वहां के हालात बिगड़ने पर दोनों ही सरकारों को जिम्मेदार ठहराया जायेगा और इसमें दोनों ही सरकार की मिलीभगत भी मानी जायेगी। उद्योगपति विजय माल्या को ब्रिटेन से भारत वापस लाकर उसके अपराधों के लिये न्यायालय के कठघरे में खड़ा करने की मांग करते हुए बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो यह पूरी तरह से साबित हो जायेगा कि माल्या को पहले देश से भगाने और फिर उसे बचाने की साजिश में केन्द्र की एन.डी.ए. सरकार की पूरी तरह से मिलीभगत है। उन्होंने कहा कि विजय माल्या ने गम्भीर आर्थिक अपराध किये हैं और देश को लूटने का काम किया है। उसे बड़ी आसानी से देश से विदेश भाग जाने दिया गया। परन्तु अब उन्हें कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद ब्रिटेन से वापस लाकर न्यायालय के कठघरे में अवश्य ही खड़ा किया जाना चाहिये। वरना लोगों का विश्वास देश की व्यवस्था पर से उठता चला जायेगा। केन्द्र की सरकार को देश की प्रतिष्ठा के लिये काम करते हुए विजय माल्या को ब्रिटेन से भारत वापस लाकर कानून के हवाले कर देना चाहिये। उन्होंने कहा कि भगोड़े ललित मोदी की तरह ही विजय माल्या को भी अगर देश में वापस लाकर व्यापक जनहित में उन पर सख्त कानूनी कार्रवाई नहीं की गई तो यह एक दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति होगी।