लखनऊ, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने कहा है कि विश्वविद्यालय में रिक्त पदों पर भर्ती के लिए यथाशीघ्र विज्ञापन जारी किये जायें और उसकी सूचना वेबसाइट पर भी अंकित की जाये।
श्रीमती पटेल आज राजभवन में जौनपुर स्थित वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय की समीक्षा बैठक की। बैठक में उन्होंने निर्देश दिया कि विश्वविद्यालय में रिक्त पदों पर भर्ती के लिए यथाशीघ्र विज्ञापन जारी किये जायें तथा उसकी सूचना विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर भी अंकित की जाये।
राज्यपाल ने कहा कि नियुक्ति में पूर्ण पारदर्शिता एवं शुचिता बनाये रखने के लिये भर्ती विज्ञापन तथा वेबसाइट पर भर्ती नियमों का स्पष्ट उल्लेख किया जाना चाहिये। लेखा आपत्तियों पर चर्चा करते हुये उन्होंने कहा कि महालेखाकार द्वारा जो 15 आपत्तियां की गयी है उनको समयबद्धता के साथ आख्या नियमानुसार प्रेषित कर दें।
उन्होंने कहा कि वित्तीय कार्यों में प्रत्येक दशा में वित्तीय नियमों का पालन होना चाहिये साथ ही वित्तीय अभिलेखों का रख-रखाव, डबल एंट्री सिस्टम पर करे तथा नियमानुसार कैश बुक और बैलेन्स सीट तैयार की जानी चाहिये। जो कार्य टेण्डर या जैम के माध्यम से होना है उनको भी नियमानुसार कराया जाये।
श्रीमती पटेल ने कहा कि विश्वविद्यालय के आवासीय परिसर में अनाधिकृत व्यक्तियों को आवास आवंटित नहीं किये जाये तथा जो नियमित स्टाफ परिसर में रह रहे है, उनसे नियमानुसार विद्युत बिलों का भुगतान भी होना चाहिये। उन्होंने सुझाव दिया कि विश्वविद्यालय का आय-व्यय का ब्यौरा मासिक आधार पर अंकित करें तथा यदि किसी को एडवांस दिया गया है तो कार्य समाप्ति के पश्चात् 3 माह के अन्दर उसका समायोजन हो जाये।
कुलाधिपति ने कहा कि महिला अध्ययन केन्द्र के माध्यम से ग्रामीण विकास के कार्यक्रम किये जाने चाहिये। उन्होंने सुझाव दिया कि यदि ग्राम प्रधानों खास कर, महिला प्रधानों को विश्वविद्यालय में आंमत्रित कर उन्हें कुपोषण, क्षयरोग, मातृ शिशु, मृत्युदर, स्वच्छता, स्वास्थ्य स्वावलंबन राज्य तथा केन्द्र सरकार की विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी जाये तो वे अपनी ग्राम सभा में प्रमुखता से लागू कर अधिक से अधिक लोगाें को लाभान्वित कर सकती हैं।
उन्होंने कहा कि महिला ग्राम प्रधान व समाज की अग्रणी महिलाओं आदि को प्रेरित कर हम ग्रामीण विकास के कार्यक्रमों को आसानी से लागू कर सकते है। राज्यपाल जी ने कहा कि विश्वविद्यालय 10-15 छात्राओं के समूह भी तैयार करें तथा उन्हें विभिन्न सामाजिक बुराइयों पर गांव में जागरूकता के लिए प्रेरित करें। ऐसा करने से ग्रामीण समाज, खासकर महिलाओं में जागरूकता आयेगी यह एक दिन का काम नही है सार्थक परिणाम पाने के लिये इस प्रकार के कार्यों को हमें लगातार करना होगा।
राज्यपाल ने कहा कि महिला अध्ययन केन्द्र छात्राओं को अस्पताल, नारी निकेतन, वृद्धाश्रम, बाल संरक्षण गृह आदि का भी भ्रमण कराये ऐसा करने से वे समाज की वास्तविकता से भली भांति परिचित होगीं। आने वाले समय में ये अनुभव उनके लिये उपयोगी सिद्ध होगा। उन्होंने कहा कि दीक्षांत समारोह में दीक्षांत भाषण हेतु हमे अपने छात्र-छात्राओं की टीम भी बनानी चाहिये।
कुलाधिपति ने बैठक में विश्वविद्यालय में चल रहे विभिन्न कोर्ट केस, निर्माण कार्यों, कोविड-19 टीकाकरण, नयी शिक्षा नीति, उपाधि वितरण तथा शैक्षिक सत्र पर विस्तृत चर्चा की। बैठक में राज्यपाल के अपर मुख्य सचिव महेश कुमार गुप्ता, विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर निर्मला एस मौर्या, कुलसचिव, वित्त अधिकारी, परीक्षा नियंत्रक एवं अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे।