रायपुर, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा हैं कि भारत के विश्व की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने में किसानों का योगदान सबसे अहम हैं।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने आज यहां इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के 38वें स्थापना दिवस को संबोधित करते हुए कहा कि किसान अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं जो दिन रात परिश्रम करके देश की अर्थव्यवस्था में योगदान करते हैं। उन्होंने कहा कि आज हम फ्रांस और इंग्लैंड को पीछे छोड़कर विश्व की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गये हैं तो इसमें किसानों का योगदान सबसे महत्वपूर्ण है।
उन्होने कहा कि किसान के लिए खेती महज एक पेशा या जीविका का जरिया नहीं है, बल्कि समाज में योगदान देने का साधन है, क्योंकि जो आपको अन्न देता है, वह अन्नदाता होता है। हमें अपने किसानों को सैल्यूट करना चाहिए और उन्हें प्रेरित करना चाहिए।उन्होने कहा कि किसान होना गर्व की बात है और उन्हें स्वयं के किसान पुत्र होने पर गर्व है।
किसानों के योगदान की प्रशंसा करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि अप्रैल 20 से 80 करोड़ से अधिक लोगों को सरकार द्वारा फ्री अनाज दिया जा रहा है तो यह किसानों की बदौलत ही संभव हो पाया है।उन्होने कृषि विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं से आह्वान किया कि वो देश की कृषि अर्थव्यवस्था का परिदृश्य बदलें। उन्होंने छात्रों से कृषि मार्केटिंग और वैल्यू ऐडिशन की दिशा में योगदान देने की भी अपील की।
उऩ्होने छात्र-छात्राओं से कहा कि वे किसानों और उनके बच्चों को कृषि उत्पादों का व्यापार करने के लिए प्रेरित करें। यदि किसान एक बार कृषि उत्पादों की व्यापार करने लग गये तो उनके बच्चों को रोजगार खोजने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी, बल्कि वे स्वयं दूसरों को रोजगार देंगे।ऐसे कई उदाहरण हैं जब आईआईटी,आईआईएम के युवा कृषि उत्पादों के व्यापार में आगे आ रहे हैं। तो किसानों के बच्चों उन्हें वैल्यू ऐडिशन की भी शुरुआत करनी चाहिए।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि एग्रीकल्चर के छात्रों को टेक्नोलॉजी का उपयोग बढ़ाना चाहिए, और सरकारी नीतियों का लाभ लेते हुए स्टार्टअप शुरु करने चाहिए। इसमें नई सहकारिता नीति व वेअरहाउसिंग बहुत लाभदायी होंगी।श्री धनखड़ ने कहा कि कृषि में स्टार्टअप की अपार संभावनाएँ हैं, यदि आप बदलाव का केंद्र बनेंगे, तो गाँव में क्रांति आयेगी।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि कृषि वैज्ञानिकों और उद्यमियों की सहभागिता से हम किसानों के जीवन को खुशहाल और समृद्ध बनाएंगे। उन्होंने विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों और विद्यार्थियों का आव्हान करते हुए कहा कि कृषि और प्रदेश के कृषकों के विकास के लिए विशेष रणनीति बनाएं। श्री साय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हमेशा कृषि क्षेत्र के विकास को अपनी सर्वोच्च प्राथमिकता में रखा है। उन्होंने हमेशा नवाचारों, अनुसंधानों और उद्यमिता के विकास को प्रोत्साहित और प्रेरित किया है।
उन्होने कहा कि कृषि विश्वविद्यालय ने कृषि शिक्षा, अनुसंधान एवं प्रसार के क्षेत्र में बहुत अच्छा कार्य किया है। विश्वविद्यालय द्वारा विभिन्न फसलों की 160 से अधिक किस्में विकसित की गई हैं एवं 100 से अधिक उन्नत कृषि तकनीकों का भी विकास किया गया है। उत्तर में बलरामपुर से लेकर दक्षिण में सुकमा तक कृषि महाविद्यालय, अनुसंधान केन्द्र एवं कृषि विज्ञान केन्द्र का मजबूत नेटवर्क विश्वविद्यालय के पास है। इस नेटवर्क की सहायता से विश्वविद्यालय छत्तीसगढ़ के कृषि-विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने इस मौके पर इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय द्वारा विकसित की गई धान की इम्यूनोबूस्टर एवं कैंसर रोधी नवीन किस्म ‘संजीवनी’ से निर्मित तीन उत्पादों संजीवनी इंस्टैन्ट, संजीवनी मधु कल्क तथा संजीवनी राइस बार का लोकार्पण किया।कार्यक्रम को छत्तीसगढ़ के राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन ने भी सम्बोधित किया।