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वीरभद्र सिंह के खिलाफ आरोप-पत्र पर विचार करेगी अदालत

नई दिल्ली, राष्ट्रीय राजधानी की एक अदालत ने सोमवार को कहा कि आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति के मामले में वह हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह, उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह तथा अन्य के खिलाफ दाखिल आरोप-पत्र पर विचार करेगी। विशेष न्यायाधीश वीरेंद्र कुमार ने आरोप-पत्र पर विचार करने के लिए मामले की अगली सुनवाई तीन मई को तय की है। इस बीच, प्रतिभा सिंह ने यह आरोप लगाते हुए अपनी अर्जी वापस ले ली कि मामले की जांच में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने उचित प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया।

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बचाव पक्ष के वकील ने कहा कि दिल्ली उच्च न्यायालय के दिशानिर्देशों के तहत उनकी मुवक्किल के खिलाफ जांच शुरू करने से पहले जांच एजेंसी को हिमाचल प्रदेश की सरकार से मंजूरी लेनी चाहिए थी। मामले में वीरभद्र सिंह, उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह के अतिरिक्त जीवन बीमा निगम  के एजेंट आनंद चौहान, उनके सहयोगी चुन्नी लाल, जोगिंदर घालटा, प्रेम राज, लवन कुमार रोच, वकमुल्लाह चंद्रशेखर तथा राम प्रकाश भाटिया के खिलाफ आरोप-पत्र दाखिल किया गया है।

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सीबीआई ने आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता  के तहत अपराध के लिए उकसाने तथा धोखाधड़ी एवं भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया था। प्राथमिक जांच में पाया गया कि साल 2009 से 2012 के बीच केंद्रीय मंत्री रहते हुए वीरभद्र सिंह ने कथित तौर पर 6.03 करोड़ रुपये की संपत्ति अर्जित की, जो उनकी आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक है। इसके बाद 23 सितंबर, 2015 को मुख्यमंत्री के खिलाफ मामला दर्ज किया गया।

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