मथुरा, राधारानी की नगरी वृन्दावन शुक्रवार से होली के रंग में रंगनी शुरू हो गयी है। मन्दिरों की चौक रंग बिरंगे गुलाल से पट गए हैं तो गलियां रंग और गुलाल से आच्छादित हो गईं।
वृन्दावन में होली की शुरूवात रंगभरनी एकादशी के दिन दोपहर बाद से तब शुरू होती है जब श्यामाश्याम की सवारी ब्रजवासियों से होली खेलती है।
राधाबल्लभ मन्दिर के सेवायत आचार्य मोहित मराल गोस्वामी ने बताया कि श्यामाश्याम के स्वरूपों को एक बग्घी में विराजमान कराया गया था। यह बग्घी पुराने वृन्दावन की गलियों से होकर फिर मन्दिर पर वापस पहुंची । इस बीच किशोरी जी और श्यामसुन्दर ने ब्रजवासियों पर हरबल गुलाल डाला तो ब्रजवासियों ने आपस में एक दूसरे पर इतना गुलाल डाला कि वातावरण इन्द्रघनुषी बन गया ।
उधर मन्दिरों में भी आज भक्तों ने श्यामसुन्दर और किशोरी जी के साथ जमकर इतना होली खेली कि मन्दिरों के चौक गुलाल से इतना भर गए कि उन्हें साफ करने के लिए कई बार झाड़ू लगानी पड़ी। भक्तो का सबसे अधिक जमावड़ा बांकेबिहारी मन्दिर एवं प्राचीन सप्त देवालयों में था। वृन्दावन की होली 8 फरवरी को दोपहर तक खेली जाएगी।
श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान के सचिव कपिल शर्मा ने बताया कि मथुरा में आज श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर हजारों होलीप्रेमियों ने ब्रज की विभिन्न होलियों का आनन्द लिया।चरकुला नृत्यु से लेकर मयूर नृत्य तक, फूलों की होली से लेकर ब्रज के विभिन्न प्रकार के होली नृत्यों का आनन्द हजारों होली प्रेमियों ने लिया।कार्यक्रम के अन्त में मन्दिरों की छत से इन्द्रधनुषी गुलाल की वर्षा हो रही थी और दर्शक राधारानी के ननिहाल ग्राम रावल के हुरिहारों की लठामार होली का आनन्द ले रहे थे।
प्राचीन केशवदेव मन्दिर में भी विभिन्न प्रकार की होलियों का प्रस्तुतीकरण गुलाल की वर्षा के साथ हुआ। यहां मल्लपुरा के हुरिहारों एवं हुरिहारिनों ने लठामार होली खेली।भारत विख्यात द्वारकाधीश मन्दिर में टेसू के रंग की मशहूर होली शुरू हो गई है।