पद्म भूषण से सम्मानित वैज्ञानिक पुष्प मित्र भार्गव ने अपना पुरस्कार लौटाने का निर्णय ऐसे समय में आया है जब वह उन वैज्ञानिकों के समूह में शामिल हो गए जिन्होंने देश में विज्ञान और तार्किकता को नष्ट किए जाने के बारे में ऑनलाइन चिंता जताई थी। पद्म भूषण पुरस्कार प्राप्त अकादमिक और वैज्ञानिक अशोक सेन एवं पी. बलराम ने कहा कि असहिष्णुता और तर्क के निरादर का माहौल उसी तरह का है जिसकी वजह से दादरी में मोहम्मद अखलाक सैफी को भीड़ ने मार डाला, प्रोफेसर कलबुर्गी, डॉक्टर नरेंद्र दाभोलकर और गोविंद पनसारे की हत्या हुई। वैज्ञानिकों के एक समूह ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से असहिष्णुता की घटनाओं पर चिंता जताते हुए उस पर उचित कार्रवाई करने की याचना की थी। वैज्ञानिक भी लेखकों और फिल्मकारों के उस विरोध में शामिल हो गए हैं जिसे भाजपा नीत राजग सरकार ने ‘गढ़ा गया विरोध’ कहा था।