वॉशिंग मशीन आम गृहिणियों से लेकर कामकाजी महिलाओं के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। इससे समय की बचत तो होती है, साथ में शारीरिक श्रम भी कम लगता है। लेकिन अक्सर मशीन खरीदने से पहले दुविधा हो जाती है कि कौन ज्यादा बेहतर होगा, ऑटोमेटिक या सेमीऑटोमेटिक?
खरीदने से पहले… -6 किलोग्राम की वॉशिंग मशीन में दस कपड़े धोने की क्षमता होती है। परिवार के सदस्यों की संख्या देखते हुए इससे अधिक क्षमता की वॉशिंग मशीन खरीद सकते हैं।
सेमी ऑटोमेटिक वॉशिंग मशीन में कपड़ों को वॉश टब से स्पिन टब में रखना पड़ता है, जबकि फुल ऑटोमेटिक मशीन में सिर्फ वॉश प्रोग्राम सलेक्ट करने की जरूरत पड़ती है। बाकी काम मशीन अपने-आप कर देती है।
फुल ऑटोमेटिक वॉशिंग मशीन के कंट्रोल पैनल पर कई बटन होते हैं। कौन-सा बटन कब इस्तेमाल करना है, इसकी जानकारी खरीदारी के समय जरूर कर लें।
फुल ऑटोमेटिक मशीन में हर प्रकार के कपड़े को धोने का विकल्प होता है। जहां पानी का प्रेशर कम होता है, वहां के लिए सेमी ऑटोमेटिक वॉशिंग मशीन खरीदना बेहतर रहेगा।
कैसे करें देख-रेख… -अगर बास्केट में पानी धीमी गति से भरें, तो वाटर सप्लाई हौज को अलग कर दें और ब्रश से फिल्टर को साफ कर लें।
वॉशिंग मशीन में मेंटिनेंस कार्य करने से पहले इलेक्ट्रिक प्लग को निकालना न भूलें। मेन बॉडी और कंट्रोल पैनल को मुलायम कपड़े से साफ करें। ज्यादा गंदगी है, तो हल्के डिटर्जेंट का इस्तेमाल कर सकते हैं।
जब वॉश टब गंदा हो जाए तो उसे हल्के साबुन से साफ करें। ब्रश का प्रयोग करें, स्क्रबर का नहीं।
लिंट फिल्टर को नियमित रूप से साफ करते रहें, क्योंकि फिल्टर में लिंट इकट्ठा हो जाने से मशीन की गति धीमी हो जाती है।
कपड़े धोने के बाद मशीन के ढक्कन को खुला रखें, ताकि अंदर की नमी निकल सके।
कभी भी बेनजीन थिनर, क्लिंजर या किसी केमिकल क्लिंजर से मशीन की बॉडी या कंट्रोल पैनल को साफ न करें। कपड़े धोते समय सावधानी…
भारी और हल्के कपड़े एक साथ न धोएं, क्योंकि दबाव के कारण कपड़ों के फटने का डर रहता है।
ज्यादा गंदे कपड़ों को अलग से धोना सही रहता है।
चादरों को कभी एक साथ नहीं धोएं। इससे सिलवटें आ जाती हैं। चादर के साथ छोटे कपड़े धोना सही रहेगा।
जीन्स या कपड़ें को ठंडे पानी में धोएं। उन्हें धोते समय उल्टा कर लें और छाया में सुखाएं।