वोट बैंक की खातिर सपा-कांग्रेस ने महाराजा सुहेलदेव को भुलाया : ओम प्रकाश राजभर

लखनऊ, कांग्रेस और समाजवादी पार्टी (सपा) पर वोट बैंक की राजनीति के लिए महाराजा सुहेलदेव को इतिहास के पन्नो से हटाने के प्रयास का आरोप लगाते हुये सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने सोमवार को कहा कि चक्रवर्ती सम्राट की अमर गाथा को नई पीढ़ी तक पहुंचाने के उद्देश्य से उनकी पार्टी 10 जून को बहराइच में विजय दिवस मनायेगी।

ओम प्रकाश राजभर ने यहां पार्टी के प्रदेश कार्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि महाराजा सुहेलदेव राजभर ने एक सहस्र वर्ष पूर्व भारत भूमि पर हुए आक्रांताओं के आतंक का अंत कर भारतीय संस्कृति और अस्मिता की रक्षा की थी। मोहम्मद ग़ज़नवी के सेनापति सैयद सालार मसूद ग़ाज़ी जब तीन लाख की विशाल सेना के साथ भारत में लूट और विध्वंस फैलाता आगे बढ़ रहा था तब बहराइच में महाराजा सुहेलदेव राजभर ने अपराजेय समझे जाने वाले उस आक्रांता को पराक्रम के बल पर परास्त किया। यह विजय केवल एक युद्ध की जीत नहीं थी बल्कि भारतीय आत्मा की रक्षा और सम्मान का प्रतीक था।

उन्होने कहा कि इस अमर गाथा को नई पीढ़ी तक पहुंचाने के उद्देश्य से 10 जून को बहराइच में “विजय दिवस” के रूप में भव्य आयोजन किया जाएगा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उपस्थिति रहेंगे।

सुभासपा अध्यक्ष ने कहा कि वह सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और कांग्रेस से पूछते हैं कि क्या कुछ विशेष वोटबैंक की राजनीति के लिए उन्होने महाराजा सुहेलदेव राजभर जैसे महानायक को इतिहास से मिटाने का प्रयास नहीं किया। क्यों कांग्रेस सरकार ने दशकों तक महाराजा सुहेलदेव की वीरगाथा को इतिहास की पुस्तकों से दूर रखा। क्यों समाजवादी पार्टी ने बहराइच की भूमि पर आक्रांता सालार मसूद ग़ाज़ी की याद में मेला लगाया और उसी भूमि पर महाराजा सुहेलदेव राजभर जी के पराक्रम की स्मृति को भुला दिया। यह सवाल सिर्फ राजनीतिक नहीं बल्कि हमारी विरासत और हमारे बच्चों के भविष्य से जुड़ा है।

ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि जिन आक्रांताओं को केवल आक्रामकता की वजह से महत्व दिया गया। उनके नाम पर मेले, मक़बरे और मजारें बनीं लेकिन जिन लोगों ने भारत की आत्मा की रक्षा की, उन्हें भुला दिया गया।

उन्होने कहा कि अगर आज देश का बच्चा-बच्चा महाराजा सुहेलदेव राजभर के नाम से परिचित हो रहा है, तो उसके पीछे वर्षों की कार्यकर्ताओं की मेहनत] संघर्ष और चेतना है। सुभासपा ने यह साबित किया है कि राजनीतिक संघर्ष अगर सामाजिक न्याय और सांस्कृतिक गौरव के लिए हो] तो वह जन आंदोलन बन जाता है।

ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आभारी हैं जिन्होंने बहराइच में महाराजा सुहेलदेव राजभर की प्रतिमा की स्थापना की। चित्तौरा झील पर 5 एकड़ में भव्य पार्क बनवाया। उनके नाम पर विश्वविद्यालय स्थापित किया और उनके सम्मान में डाक टिकट जारी कर ऐतिहासिक न्याय की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाया।

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