नयी दिल्ली, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने मीडिया से व्यक्ति केंद्रित दृष्टिकोण से हटकर संस्थाओं पर ध्यान केंद्रित करने का आह्वान करते हुए कहा है कि भारत के खिलाफ खतरनाक मंसूबे रखने वालों से सावधानी बरतनी चाहिए।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने गुरुवार को यहां संसद भवन में संसद टीवी के तीसरे सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करने के दौरान कहा कि देशविरोधी ताकतें राष्ट्र के समक्ष चुनौतियां उत्पन्न कर रही हैं। उन्होंने कहा, “हम उन लोगों के साथ संबंध नहीं रख सकते ,जिनका अस्तित्व ही भारत के विरोध से स्थापित है। वे भारत के अस्तित्व को चुनौती देने के आकांक्षी हैं।” उन्होंने कहा कि देश के भीतर कुछ लोग राष्ट्रीय प्रगति और संस्थाओं को कमजोर करने का प्रयास कर रहे हैं। देश के अंदर और बाहर कुछ लोग भारत की संस्थाओं और राष्ट्रीय प्रगति को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने राष्ट्रीय विमर्श को आकार देने में मीडिया की महत्वपूर्ण भूमिका का उल्लेख किया और कहा कि पत्रकारिता में व्यक्ति-केंद्रित दृष्टिकोण से हटने और संस्थानों के साथ-साथ राष्ट्रीय विकास पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है।
लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के रूप में मीडिया की महत्वपूर्ण भूमिका को स्पष्ट करते हुए, श्री धनखड़ ने अनुचित आलोचना की बढ़ती प्रवृत्ति के बारे में चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा, “हम केवल आलोचक रह गए हैं जबकि हमारा ध्यान विकास पर केंद्रित होना चाहिए। हमारे एजेंडा में विकास की बात जितनी की जानी चाहिए, उससे काफी कम है। हमें हमारे एजेंडा को एक नया स्वरूप देना होगा जो विकास और राष्ट्रीय प्रगति पर आधारित होगा।”
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि राष्ट्र की प्रगति को राजनीतिक चश्मे से नहीं देखा जाना चाहिए।