व्रत और त्योहारों पर नहीं होगा भ्रम, बीएचयू में हिन्दी पंचांग का विमोचन

वाराणसी,  अक्सर व्रत और त्योहारों की तिथि को लेकर भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। इसी को दृष्टि में रखते हुए सोमवार को सनातन धर्मोपयोगी व्रत-पर्वादि के निर्धारण के लिये शास्त्रसम्मत ‘अभिनव व्रतादि पंजिका’ हिन्दी पंचांग का विमोचन काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभाग द्वारा सम्पन्न हुआ।

काशी विद्वत् परिषद के महामंत्री प्रो. रामनारायण द्विवेदी एवं संगठन मंत्री व ज्योतिष विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रो. विनय कुमार पाण्डेय, प्रो. सुभाष पाण्डेय, डॉ. रामेश्वर शर्मा, डॉ. धीरज मिश्र तथा अमित मिश्र द्वारा विमोचन किया गया। आज के परिवेश में हो रही पंचांग की कठिनाइयों तथा सामान्यजन में पंचांग को देखने की सरलता को ध्यान में रखते हुए की गई यह पहल उन सभी लोगों के लिए उपयोगी है। यह पंचांग अंधेरे में दीपक की भांति समाज में प्रेरणा का कार्य करेगा। पंजिका का यह नवम अंक प्रो. विनय पाण्डेय के मार्गदर्शन में तैयार हुआ है।

इस अवसर पर प्रो. विनय कुमार पाण्डेय ने कहा कि व्रत-पर्व-उत्सव सहित सभी धार्मिक कृत्य पंचांग द्वारा ही संचालित एवं निर्धारित होते हैं। वर्तमान में पंचांगों में भिन्नता के कारण व्रत-पर्व में बहुधा भेद दिखाई देने लगा है। ऐसे में यह पंजिका आम जनमानस के लिए उपयोगी होगी।

पंजिका के सम्पादक आचार्य संजय कुमार पाण्डेय ने बताया कि इस पंजिका के प्रकाशन का उद्देश्य पंचांग को सरल रूप में प्रस्तुत करना है, जिससे आम जनमानस व्रत-पर्व के निर्धारण की सटीकता को समझकर सरलता से अवबोध कर सकें। इसमें तिथि, नक्षत्र, योग, करण, मुहूर्त आदि को सरल ढंग से निरूपण किया गया है, जो सामान्य जनमानस की सुगमता के लिए है।

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