भुवनेश्वर, भारतीय हॉकी के स्टार खिलाड़ी बुधवार को अंतरराष्ट्रीय खेल विकास एवं शांति दिवस (आईडीएसडीपी) के अवसर पर खेल के माध्यम से शांति अभियान का समर्थन करने के लिए व्हाइट कार्ड अभियान में शामिल हुए।
उल्लेखनीय है कि खेल जगत में विभिन्न रंगीन कार्डों की तरह व्हाइट कार्ड विश्वव्यापी शांति प्रयासों को बढ़ावा देने का प्रतीक है। 2013 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने दुनिया भर में समुदायों और लोगों के जीवन में खेल और शारीरिक गतिविधि की सकारात्मक भूमिका मानते हुए छह अप्रैल को विकास और शांति के लिए अंतरराष्ट्रीय खेल दिवस घोषित किया था।
भारतीय महिला हॉकी टीम की गोलकीपर सविता पुनिया ने इस वैश्विक पहल में शामिल होने पर कहा, “ खेल में एक पीढ़ी को एकजुट करने और प्रेरित करने की क्षमता है। आइए खेल आंदोलन के माध्यम से शांति के लिए इस अद्भुत व्हाइट कार्ड पहल से विकास और शांति के लिए अंतरराष्ट्रीय खेल दिवस मनाते हैं।
खेल की शक्ति का जश्न मनाने के लिए व्हाइट कार्ड दिखाते हुए डिफेंडर दीप ग्रेस एक्का ने कहा, “ हम यह देखकर बेहद खुश हैं कि हमारी सफलता की कहानियों ने नई पीढ़ी की महिलाओं को प्रेरित किया है। खेल महिला सशक्तिकरण का सबसे बड़ा उदाहरण है। ”
अनुभवी फॉरवर्ड रानी रामपाल ने इस बारे में कहा, “ खेल में बाधाओं को दूर करने की क्षमता है। यह हमें रंग, जाति और धार्मिक मतभेदों से परे देखना सिखाता है। कुछ भी लोगों को एकजुट नहीं कर सकता, जैसे खेल करता है। इसमें मानव जाति को सशक्त बनाने की वास्तविक शक्ति है। ”
भारतीय पुरुष हॉकी टीम के डिफेंडर अमित रोहिदास ने भी इस अभियान में शामिल होते हुए कहा, “खेल ने न केवल मुझे आत्मविश्वास दिया है, बल्कि इसने मुझे एक अच्छा इंसान भी बनाया है। यह जीवन के मूल्यवान सबक भी सिखाता है। आइए शांति को बढ़ावा देने में खेल की भूमिका का जश्न मनाएं। ”
पुरुष हॉकी टीम के कप्तान एवं मिडफील्डर मनप्रीत सिंह ने कहा, “ खेल समाज में एक प्रमुख भूमिका निभाता है। यह सभी को सशक्त बनाता है। यह लोगों को एक साथ लाता है और दुनिया को एक बेहतर जगह बनाता है। विकास और शांति के लिए अंतरराष्ट्रीय खेल दिवस और यहां खेल आंदोलन के माध्यम से शांति के लिए व्हाइट कार्ड का जश्न मनाने के लिए मेरे साथ जुड़ें। ”