कैल्शियम हड्डियों की मजबूती के लिए जरूरी है। यह रक्त के थक्के जमाने (ब्लड क्लॉटिंग) में भी मदद करता है। यह शरीर के विकास और मसल बनाने में भी सहायक होता है। हरी सब्जियां, दही, बादाम और पनीर इसके मुख्य स्रोत हैं। कैल्शियम की कमी को हायपोकैल्शिमिया भी कहा जाता है। यह तब होता है, जब आपके शरीर को पूरी मात्रा में कैल्शियम नहीं मिलता।
कैल्शियम:- लोगों को अच्छी सेहत के लिए कैल्शियम के महत्व के बारे में पता होना चाहिए। जिनके शरीर में कैल्शियम की कमी हो, उन्हें अपने आप दवा नहीं लेनी चाहिए और ज्यादा मात्रा में फूड सप्लीमेंट भी नहीं लेने चाहिए। डॉक्टर से सलाह लें और सेहतमंद खानपान के साथ ही सप्लीमेंट लें। उम्र बढ़ने के साथ कैल्शियम की कमी आम बात है। शरीर का ज्यादातर कैल्शियम हड्डियों में संचित होता है। उम्र बढ़ने के साथ हड्डियां पतली और कम सघन हो जाती हैं। ऐसे में शरीर को कैल्शियम की जरूरत पड़ती है। कैल्शियम के स्रोत वाली वस्तुएं खाते रहने से इसकी कमी पूरी की जा सकती है। उन्होंने कहा कि भूखे रहने और कुपोषण, हार्मोन की गड़बड़ी, प्रिमैच्योर डिलीवरी और मैलएब्जरेब्शन की वजह से भी कैल्शियम की कमी हो सकती है। मैलएब्जरेब्शन उस स्थिति को कहते हैं, जब हमारा शरीर उचित खुराक लेने पर भी विटामिन और मिनरल को सोख नहीं पाता। कैल्शियम की कमी के कुछ लक्षण…
मसल क्रैम्प:- शरीर में होमोग्लोबिन की पर्याप्त मात्रा रहने और पानी की उचित मात्रा लेने के बावजूद अगर आप नियमित रूप से मसल क्रैम्प (मांस में खिंचाव या ऐंठन) का सामना कर रहे हैं तो यह कैल्शियम की कमी का संकेत है।
लो बोन डेनस्टिी:- जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, कैल्शियम हड्डियों की मिनरलेजाइशन के लिए जरूरी होता है। कैल्शियम की कमी सीधे हमारी हड्डियों की सेहत पर असर करती है और ऑस्टियोपोरोसिस व फ्रैक्चर का खतरा बढ़ सकता है।
कमजोर नाखून:- नाखून के मजबूत बने रहने के लिए इसकी जरूरत होती है, उसकी कमी से वह भुरभुरे और कमजोर हो सकते हैं। दांत में दर्द:- हमारे शरीर का 90 प्रतिशत कैल्शियम दांतों और हड्डियों में जमा होता है उसकी कमी से दातों और हड्डियों का नुकसान हो सकता है।
एम्युनिटी में कमी:- यह शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बनाए रखता है। कैल्शियम की कमी होने पर शरीर में पैथगॉन अटैक से जूझने की क्षमता कम हो जाती है।
नाड़ी की समस्याएं:- इसकी कमी से न्यूरोलॉजिक्ल समस्याएं, जैसे कि सिर पर दबाव की वजह से सीजर और सिरदर्द हो सकता है। कैल्शियम की कमी से डिप्रेशन, इनसोमेनिया, पर्सनैल्टिी में बदलाव और डेम्निशिया भी हो सकता है।
धड़कन:- दिल के बेहतर काम करने के लिए आवश्यक है और कमी होने पर हमारे दिल की धड़कन बढ़ सकती है और बेचैनी हो सकती है। कैल्शियम दिल को रक्त पम्प करने में मदद करता है। अगर आप इनमें से किसी लक्षण का सामना कर रहे हैं तो अपने डॉक्टर से संपर्क करें, वह रक्त जांच की सलाह देगा। इसका इलाज संतुलित भोजन खाना और पौष्टिक सप्लीमेंट लेना है।