नयी दिल्ली , उच्चतम न्यायालय आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक सम्पत्ति अर्जित करने के एक मामले में तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जे जयललिता की करीबी रही शशिकला नटराजन के राजनीतिक भविष्य का फैसला कल सुना सकता है। शशिकला इस मामले में स्वर्गीय जयललिता की सह-आरोपी रही हैं। चूंकि स्वर्गीय जयललिता का निधन हो चुका है, इसलिए न्यायालय उन पर फैसला नहीं सुनाएगा।
न्यायमूर्ति पिनाकी चंद्र घोष और न्यायमूर्ति अमिताव राय की पीठ कल इस मामले में फैसला सुनाएगी। अगर शीर्ष अदालत इन आरोपियों को बरी करने के कर्नाटक उच्च न्यायालय के फैसले को बरकरार रखता है, तो सुश्री शशिकला के मुख्यमंत्री बनने की राह में कोई नई मुश्किल नहीं खड़ी होगी. लेकिन अगर शशिकला को दोषी करार दिया जाता है तो वह मुख्यमंत्री नहीं बन पाएंगी और जेल भी जा सकती हैं।
सन् 1991-1996 के बीच सुश्री जयललिता के मुख्यमंत्री रहते समय आय से अधिक 66 करोड़ रुपये की संपत्ति अर्जित करने के मामले में सितंबर 2014 में बेंगलुरु की विशेष अदालत ने स्वर्गीय जयललिताए सुश्री शशिकला और उनके दो रिश्तेदारों को चार साल की सजा और 100 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था। इस मामले में सुश्री शशिकला को उकसाने और साजिश रचने का दोषी करार दिया गया थाए लेकिन मई 2015 में कर्नाटक उच्च न्यायालय ने सभी को बरी कर दिया था।
इसके बाद कर्नाटक सरकार, द्रविड़ मुनेत्र कषगम और सुब्रह्मण्यम स्वामी ने उच्च न्यायालय के आदेश को शीर्ष अदालत में चुनौती दी थी। शीर्ष अदालत ने चार महीने की सुनवाई के बाद पिछले साल जून में अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था। इस बीच भाजपा नेता श्री स्वामी ने तमिलनाडु में जारी राजनीतिक गतिरोध के मद्देनजर उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया।