सोनीपत/करनाल, छत्तीसगढ़ के सुकमा में नक्सली हमले में शहीद हुए हरियाणा के दो जवानों का पूरा राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान दोनों जवानों के परिजनों ने नक्सलियों से निपटने के लिए सरकार से सुरक्षा बलों को पूरी छूट देनी की मांग की है।
हमले में शहीद हुए सीआरपीएफ के एएसआई नरेश कुमार और कांस्टेबल राम मेहर के तिरंगे में लिपटे पार्थिव शरीर को उनके पैतृक गावों में लाया गया जहां आसपास के क्षेत्रों सहित बड़ी संख्या में लोगों ने नम आंखों से उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। शहीद जवानों को बंदूक की सलामी भी दी गई और पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया।
एएसआई कुमार हरियाणा के सोनीपत जिले के जैनपुर गांव के रहने वाले थे वहीं कांस्टेबल मेहर करनाल जिले के खेड़ी मानसिंह गांव से थे। शहीद मेहर के पिता पूरन चंद्र ने कहा कि सरकार को नक्सलियों से कड़ाई से निबटने के लिए सुरक्षा बलों को खुली छूट देनी चाहिए। उन्होंने कहा, देश के अंदर छिपे दुश्मन ही हमारे सैनिकों की हत्या कर रहे हैं। सरकार को कड़ाई से इस समस्या से निबटना चाहिए।
शहीद जवान मेहर के परिवार में पत्नी एक नाबालिग पुत्र और पुत्री है। वहीं शहीद जवान कुमार के परिवार में पत्नी राजबाला देवी, बेटी और दो बेटे हैं। मेहर के परिजनों की ही तरह राजबाला ने भी केन्द्र सरकार से दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने कीमांग की है। उन्होंने कहा, अगर नक्सलियों के हमलों को तत्काल नहीं रोका गया तो वह हमारे बलों को भारी नुकसान पहुंचाना जारी रखेंगे। दोनों जवानों के अंतिम संस्कार में हरियाणा की मंत्री कविता जैन और करण देव कांबोज के अलावा क्षेत्र के विधायक, सीआरपीएफ के वरिष्ठ अधिकारी तथा पुलिस प्रशासन के अधिकारी मौजूद थे।