शहीद कैप्टन आयुष यादव के पिता ने केंद्र सरकार से पूछा-“आखिर कब तक ऐसे ही सैनिक मरवाते रहोगे?

 कानपुर , जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा में पंजगाम में सेना के कैंप पर फिदायीन हमले में शहीद हुये कैप्टन आयुष यादव के पिता अरुण कांत यादव ने केंद्र सरकार को आयुष की मौत का जिम्मेदार बताया है। उन्होने कहा कि केन्द्र सरकार की पॉलिसी की वजह से ही मेरा बेटा शहीद हुआ है। अगर वह सीमा पर लड़कर शहीद होता तो मुझे जरा भी दुख नहीं होता। जम्मू-कश्मीर में हालात ऐसे बने हुए हैं जिस पर सरकार ध्यान ही नहीं दे रही है।

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 उन्होंने कहा कोई भी सरकार हो इन्होंने अपना रवैया ऐसा बनाया हुआ है कि जब सत्ता इनके हाथों में होती है तो दूसरी बोली बोलते हैं और जब विपक्ष में बैठे होते हैं तो दूसरी बोली बोलते हैं।आयुष के पिता अरुण कांत यादव चित्रकूट में सब इंस्पेक्टर के पद पर तैनात हैं।

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 अरुण कांत यादव ने बताया अभी कल शाम की ही बात है जब हमारी बात बेटे से हुई थी। हमने आयुष को कुछ दिन के लिए घर आने को कहा तो उसने मना कर दिया। कारण पूछा तो वह वहां के हालात बयां करने लगा। उसने बताया या पथराव हो रहा है। ऐसे हालात में घर आना बेहद मुश्किल है। शहीद के पिता ने आखिर में रोते हुए सरकार से सवाल किया कि “आखिर कब तक ऐसे ही सैनिक मरवाते रहोगे? मैंने तो अपना बेटा खो दिया।”

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5 फरवरी को आयुष अपनी बहन की शादी में कानपुर आया था। वह इस दौरान घर पर दस दिन रुककर गया था। आयुष अविवाहित था।आयुष को अपने चाचा और ताऊ से सेना में जाने की प्रेरणा मिली थी। उसके चाचा और ताऊ सेना के रिटायर्ट अफसर हैं।

 

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