नयी दिल्ली, क्या आपने कभी हाथों में मेहंदी लगाए किसी महिला को शादी से एक दिन पहले या शादी के तीन दिन बाद अखाड़े में दांव पेंच लगाते या कुश्ती मैट पर लोटते देखा है। देश की पहली महिला ओलंपियन पहलवान गीता फोगाट को अगले महीने होने वाले पेशेवर कुश्ती लीग पीडब्ल्यूएल में इस रूप में देखा जा सकता है। गीता पीडब्ल्यूएल को लेकर इतनी गम्भीर हैं कि 20 नवम्बर को होने वाली अपनी शादी से एक दिन पहले तक वह अ5यास करती रहेंगी और हनीमून पर जाने के बजाय तीन दिन बाद अखाड़े में लौट आएंगी।
यह पहलवान अभी अपने घर के परिसर में बने अखाड़े में अपने पिता और द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेता महावीर की देखरेख में अभ्यास कर रही है। गीता के एक भाई दुष्यंत अभ्यास में उनकी मदद कर रहे हैं। पूरे परिवार का एक ही मकसद है कि गीता एक बार फिर से अपने वजन में शीर्ष स्थान हासिल करें। हाथों में मेहंदी लगाए अभ्यास करने की यह मिसाल आपको शायद ही कहीं मिले। गीता ने कहा मेरे मंगेतर पवन भी अंतरराष्ट्रीय स्तर के पहलवान हैं। उनसे उनकी कुश्ती पर भी खूब बात होती है। हम पीडब्ल्यूएल में खेलना चाहते हैं। किसी एक टीम में खेलने की बात कहकर हम किसी फ्रेंचाइज़ी मालिक पर दबाव नहीं बनाना चाहते। उन्होंने कहा हम दोनों का यही मानना है कि हम चाहे किसी भी टीम में रहें, हमारी शुभकामनाएं एक दूसरे के प्रति हमेशा रहेंगी। हमने फिलहाल शादी के बाद कहीं घूमने का कार्यक्रम पीडब्ल्यूएल तक टाल दिया है। इस लीग में एक मुकाम हासिल करने के बाद घूमने के बारे में सोचूंगी।