दरभंगा, बिहार के दरभंगा शहर में पर्यावरण संरक्षण को समर्पित अपनी तरह की अनूठी शादी में दूल्हा.दुल्हन ने जहां पौधे रोपकर अनूठा संदेश दिया वहीं विवाह में आने वाले प्रत्येक मेहमान को विदाई के समय उपहार स्वरूप भी पौधे ही भेंट किए गये। शादी पंडाल के मुख्य द्वार पर पर्यावरण संरक्षण के प्रति लोगों के जागरूक करने के उद्देश्य से दिये गये संदेश ष्पेड़ काटे जाएंगे अगर बेतहाशा तो तापमान बढ़ता रहेगा हमेशाए तापमान होगा नियंत्रितए धरती होगी तभी संतुलितष् शादी में आने वाले मेहमानों के साथ.साथ पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गया।
इस वर्ष 09 फरवरी को संपन्न हुई शादी में की गई अनूठी पहल को मेहमानों ने केवल सराहा बल्कि पर्यावरण के हित में किए जा रहे कार्यों से जीवनभर जुड़े रहने का संकल्प भी लिया। दरभंगा शहर के महापौर वैजयंती खेरिया ने मुख्य अतिथि के तौर पर पौधा लगाकर वर.वधू को शुभकामनाएं दी। विवाह समारोह में विशेष तौर पर आमंत्रित प्रतिष्ठित ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के कुलपति सुरेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि हर शादी में यदि रिटर्न गिफ्ट की जगह कम से कम 50 पौधे भी अतिथियों को दिए जाएं और वह उसे कहीं भी लगाते हैंए तो यह पर्यावरण के साथ साथ ग्लोबल वार्मिंग के खतरे से भी बचाव में भरपूर मदद करेगा। उन्होंने कहा कि शादी कार्ड के साथ गीता देकर भी लोगों में अच्छे संस्कार देने का सराहनीय प्रयास किया गया है।
बारात में सामान्य वाहनों की जगह ई.रिक्शा का प्रयोग भी चर्चा का विषय रहा। दूल्हा इंजीनियर श्रवण जहां ई.रिक्शा पर सवार होकर पर्यावरण को बचाने का संदेश दे रहा था तो उसकी बहन खुद रिक्शा चलाकर महिला सशक्तिकरण का संदेश दे गई। वर श्रवण ने कहाए श्सामान्य तौर पर शादी के दौरान आडंबर एवं दिखावे का बोलबाला होता है। ऐसे में हमने अपने खर्चे पर लोगों से पर्यावरण प्रदूषण एवं ग्लोबल वार्मिंग से बचने के लिए किए जा रहे उपायों के प्रति जागरूक करने का प्रयास किया है। उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर से आई वधू रुचि का कहना है कि उनकी इच्छा दिखावा मुक्त शादी की थी। मंदिर परिसर में शादी फिर पौधे लगाना और शामिल हुए लोगों को लौटते समय पौधे देना और उनसे आशीर्वाद के रूप में यह पेड़ लगाने के संकल्प ने काफी खुशी दी।