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शिक्षक चाहें तो विवि को बना सकते हैं विश्वस्तरीय: राज्यपाल आनंदीबेन

गोरखपुर, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने शुक्रवार को कहा कि शिक्षक अगर चाह लें तो वह अपने विश्वविद्यालय को देश ही नहीं बल्कि दुनिया के शीर्ष शिक्षण संस्थान में शामिल करा सकते हैं।

राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि विश्वविद्यालयों में बहुत संभावनाएं हैं और एक विश्वविद्यालय में 200.300 शिक्षक होते हैं। ये सभी शिक्षक मिल कर विश्वविद्यालयों को बहुत ऊंचाई पर ले जा सकते हैं।

मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय .एमएमएमटीयू. के 9वें दीक्षांत समारोह में छात्रों को को सम्बोधित करते हुए उन्होने कहा “ कुछ भी असंभव नहीं है आप देश ही नहीं दुनिया के शीर्ष विश्वविद्यालयों में भी शामिल हो सकते हैं अगर आप चाहें और इस दिशा में काम करें।”

कुलाधिपति ने कहा कि युवाओं को विकसित भारत के संकल्प को पूरा करने के लिए आगे आना होगा। हमें सशक्त किसान और महिलाओं के शोषण से मुक्त भारत का निर्माण करना है। उन्होंने युवा पीढ़ी को प्रेरित करते हुए कहा कि युवा नए टेक्नोलॉजी के साथ अपने आप को तैयार करें।

उन्होंने कहा कि तकनीकी विश्वविद्यालय पढ़ाई के साथ साथ युवाओं को इंडस्ट्री के लायक बनाएं जिससे कि यूनिवर्सिटी से निकलते ही विद्यार्थी अपनी प्रतिभा का इस्तेमाल कर सकें।

अपने संबोधन में वार्षिक छात्र पत्रिका मालविका का विशेष उल्लेख करते हुए राज्यपाल ने कहा “ मुझे देख कर प्रसन्नता हुई कि इंजीनियरिंग के विद्यार्थियों में कला एवं साहित्यिक रुचि भी है। आप में बहुमुखी प्रतिभा है जिसका प्रयोग कर आप विविध क्षेत्रों में जा सकते हैं।”

कुलाधिपति द्वारा दीक्षांत समारोह के औपचारिक आरम्भ की घोषणा की गई। उपाधि प्रदान करने से पूर्व उत्तीर्ण हो रहे विद्यार्थियों को कुलपति दीक्षोपदेश दिया कि सत्य बोलो,धर्म का आचरण करो,स्वाध्याय से प्रमाद मत करो, माता को देवता मानो।पिता को देवता मानो।आचार्य को देवता मानो।अतिथि को देवता मानो। जो हमारे अच्छे आचरण हैं वे ही तुम्हारे द्वारा ग्रहणीय हैं, अन्य नहीं।

समारोह के दौरान श्री एस नम्बी नारायणन को डॉक्टर ऑफ साइंस की मानद उपाधि के अतिरिक्त कुल 1462 विद्यार्थियों को उपाधियाँ प्रदान की गईं। उपाधि पाने वाले विद्यार्थियों में बी टेक सिविल इंजीनियरिंग के 164 छात्र बी टेक कंप्यूटर साइंस एवं इंजीनियरिंग के 186 छात्र, बी टेक इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के 172 छात्र, बी टेक इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग के 171 छात्र, बी टेक मैकेनिकल इंजीनियरिंग के 161 छात्र, बी टेक केमिकल इंजीनियरिंग के 80 छात्र एवं बी टेक आई टी के 94 ;कुल 1028 बी टेक छात्र शामिल रहे।